राज्यपाल के दिल्ली जाने के मसले पर बंधु तिर्की ने कहा कि यह काफी विलंब हो गया है. राज्यपाल ने इसे महसूस किया और उन्हें जल्द से जल्द अपना निर्णय इलेक्शन कमीशन को दे देना चाहिए. यह बिल्कुल सही बात है कि भारतीय जनता पार्टी के कई ऐसे प्रमाण हैं कि उन्होंने खरीद-फरोख्त की कोशिश की है.
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रांचीः झारखंड में सियासी संकट की स्थिति के बीच राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली पहुंच गए हैं. उनका यह दिल्ली दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब एक दिन पहले ही यूपीए विधायकों ने उनसे चुनाव आयोग के फैसले पर सस्पेंस खत्म करने का अनुरोध किया था. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 10 वरिष्ठ नेता और विधायक गुरुवार को राज्यपाल से मिले और उन्हें लेटर सौंपा था. गुरुवार को ही सोरेन सरकार ने झारखंड विधानसभा का एक दिवसीय सत्र पांच सितंबर को बुलाने का फैसला लिया है. इसमें सरकार विश्वास मत प्रस्ताव पेश कर सकती है.
भाजपा के लिए कही ये बात
राज्यपाल के दिल्ली जाने के मसले पर बंधु तिर्की ने कहा कि यह काफी विलंब हो गया है. राज्यपाल ने इसे महसूस किया और उन्हें जल्द से जल्द अपना निर्णय इलेक्शन कमीशन को दे देना चाहिए. यह बिल्कुल सही बात है कि भारतीय जनता पार्टी के कई ऐसे प्रमाण हैं कि उन्होंने खरीद-फरोख्त की कोशिश की है. विधायकों को खरीदने कर जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. 3 विधायकों के पकड़ा जाने कि जो घटना घटी, वह एक दूसरे से रिलेटेड है. हंड्रेड परसेंट विधायकों को झांसे में लेने का लालच देने का भाजपा का प्रयास जारी है.
चुनी हुई सरकार के साथ ऐसा करना घातक
ऐसी स्थिति में इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है. जनादेश से चुनी हुई सरकार के साथ ऐसा करना लोकतंत्र के लिए घातक है. भाजपा को यह पसंद नहीं रहा कि हेमंत सोरेन एक आदिवासी नेता हैं और उनके द्वारा कई ऐसे निर्णय लिए गए हैं जो जमीनी स्तर से जुड़े लोगों के लिए हैं इसीलिए यह किसी भी हद तक जा सकते हैं. मुख्यमंत्री स्वयं सारी घटनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. भाजपा इस तरह के पॉलिटिकल लाभ लेने के लिए प्रयास में लगी हुई है. कहीं कोई ऐसी घटना हो रही है और जो भी दोषी हो तो उस पर तुरंत से तुरंत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
भाजपा के पास कोई एजेंडा नहीं
हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखना यह राज्य के लिए बेहद घातक होगा. भाजपा के पास इसके अलावा कोई एजेंडा नहीं है. मुसलमान ईसाई के अलावा कोई दूसरा एजेंडा नहीं है. समाज में ऐसी विकृति हो रही है कि इन लोगों को अवसर मिल जाता है और बहुत चीजें ऐसी होती हैं, जो भाजपा दबा देती है. सीमा पात्रा के मामले में यह कहीं आगे नहीं आए. कई ऐसे मामले हैं जिन पर यह चुप हो जाते हैं. ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी से सजा देनी चाहिए न कि इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहिए. भाजपा के लिए इस प्रदेश में कोई एजेंडा नहीं है.