झारखंड: कल CM हेमंत की अध्यक्षता में होगी TAC की बैठक, BJP ने जताई आपत्ति
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झारखंड: कल CM हेमंत की अध्यक्षता में होगी TAC की बैठक, BJP ने जताई आपत्ति

Jharkhand News: टीएसी सदस्य राजेश कच्छप ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में टीएसी की बैठक होनी है. इसमें भाजपा के पूर्व सीएम व मंत्री भी सदस्य हैं.

 

सीएम हेमंत सोरेन टीएसी की बैठक में हिस्सा लेंगे (फाइल फोटो)

Ranchi: झारखंड में सोमवार को होने वाली TAC की बैठक को लेकर खिजरी विधायक और टीएसी सदस्य राजेश कच्छप ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में टीएसी की बैठक होनी है. अब तक जो पॉलिसी बनी है वो विवादास्पद रहा है. ऐसे में कल की बैठक अहम है.

राजेश कच्छप ने कहा कि इस बैठक में सभी टीएसी मेंबर शामिल होंगे. टीएसी सदस्यों की राय ली जाएगी. साथ ही झारखंड के हित में आने वाले दिनों में झारखंड को कैसे बेहतर दिशा मिले इस पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि टीएसी की जो नई कमेटी बनी है, वो पूरी तरह संतुलित है.

इसमें बीजेपी कोटे से पूर्व सीएम और पूर्व मंत्री भी सदस्य है. सभी लोगों का सामंजस्य रखा गया है. हमलोग जो भी नीति बनायेगें, राज्य हित में होगा. विपक्ष के लोग भी इसमें सकारात्म सोंच के साथ शामिल होकर चर्चा करें.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) द्वारा गठित टीएसी की पहली बैठक सोमवार को होगी. सोमवार को होने वाली टीएसी की बैठक को लेकर विधायक बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) ने कहा कि 2019 चुनाव के बाद लंबे अरसे बाद टीएसी का गठन हुआ है. 

साथ ही कहा कि इसमें पिछली सरकार में लिए गए फैसले की समीक्षा होनी चाहिए. साथ ही सभी सदस्यों को नई नियामावली से अवगत कराया जाएगा. अनुसूचित जनजाति से जुड़े जितने मामले लंबित हैं,उससे आदिवासियों का अहित हो रहा है. आदिवासी हित में जल्दी निर्णय लिया जाना चाहिए. CNT & SPT एक्ट लैंड बैंक के मामलों की समीक्षा होनी चाहिए.

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सोमवार को होने वाली टीएसी की बैठक को लेकर जेएमएम विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि पहले ये बैठक प्रोजेक्ट में प्रस्तावित था. साथ ही कहा कि टीएसी का गठन को सरकार बनने के तुरंत बाद होना चाहिए था इसमें विलंब हुआ.
 
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने कहा कि टीएसी के गठन की प्रक्रिया पर ही बीजेपी की आपत्ति है. सत्ता का केंद्रीकरण करने का काम किया है. पांचवी अनुसूची का ये राज्य है और राज्यपाल के अधिकार का हनन हुआ है. अच्छा तो होता राज्यपाल के अधिकारों की रक्षा की जाती लेकिन राज्य की सरकार शक्ति को केंद्रित कर आदिवासियों के अहित करने का काम कर रही है.

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