पाकुड़ में महिलाओं ने रोजगार के लिए नया तरीका ढूंढ लिया है.
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रांची: पाकुड़ में महिलाओं ने रोजगार के लिए नया तरीका ढूंढ लिया है. महिलाएं संगठन बनाकर घरेलू इस्तेमाल में आने वाली चीज़ें बनाती हैं. यही नहीं, हाट लगाकर बनाए हुए सामान को बेचती भी हैं जिससे आज की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. पाकुड़ के लिटटीपाड़ा की महिलाओं ने मिसाल क़ायम की है. रघुवर सरकार की जनकल्याणकारी योजना की बदौलत आज महिलाओं के पास रोज़गार है. महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. घाघरी गांव की महिलाओं ने न केवल घरेलू इस्तेमाल में आने वाले सामान को बनाने का प्रशिक्षण लिया बल्कि बाज़ार नहीं होने पर खुद ही हाट लगाने का फैसला लिया.
महिला दुकानदार ने बताया कि समूह से 30 हजार रुपये लोन लेकर दुकान खोली. पहले कुछ नहीं करती थी लेकिन समूह में जुड़ने का काफी फायदा हुआ. पाकुड़ डीडीसी जेएन प्रसाद का कहना है कि पहले बाजार के लिए काफी दूर जाना पड़ता था.
जेएसएलपीएस डोली देवी का कहना है कि जब महिलाओं को झारखंड राज्य लेवलीहुड आजीविका मिशन और रघुवर सरकार का सहयोग मिला तो जैसे महिलाओं की उड़ान को नए पंख लग गए. डिस्ट्रिक्ट मैनेजर जॉब एंड स्किल्ड, शिवरमण ने कहा कि समूह से जोड़कर ऋण दिलवाया. मुखिया से बात कर जमीन की व्यवस्था कराई गई. सरकार की इस पहल ने महिलाओं के चेहरे पर खुशी ला दी है. महिलाएं खुश हैं कि वो अब अपने परिवार के लिए अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए कुछ कर पा रही है.
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