पिता के सपने को पूरा करने के लिए धावक बनी झारखंड की बिटिया, राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री में जीता गोल्ड
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पिता के सपने को पूरा करने के लिए धावक बनी झारखंड की बिटिया, राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री में जीता गोल्ड

झारखंड की सुप्रीति कच्छप (Supriti Kachhap) ने भी भारतीय खेल की दुनिया में एक अलग पहचान बना ली हैं. उन्होंने 55वीं राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री (55th National Cross Country) में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.

8 महीने में 5वां राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं सुप्रीति कच्छप (फाइल फोटो)

Ranchi: झारखंड (Jharkhand) ने देश को कई बड़े महान खिलाड़ी दिए हैं. राज्य की महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ खेल की दुनिया में कंधे से कंधा मिलकर चल रही है. इसी कड़ी में झारखंड की सुप्रीति कच्छप (Supriti Kachhap) ने भी भारतीय खेल की दुनिया में एक अलग पहचान बना ली हैं. उन्होंने 55वीं राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री (55th National Cross Country) में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. ये उनका 8 महीने में 5वां राष्ट्रीय पदक था. 

यहां भी बजाया था अपने नाम का डंका 

सुप्रीति ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा हैं. उन्होंने फेडरेशन कप में दो कांस्य, जूनियर नेशनल में 1 रजत,1 कांस्य और राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. बता दें कि भारतीय एथलेटिक्स संघ (Indian Athletics Association) एवं पंजाब एथलेटिक्स संघ के संयुक्त तत्वाधान में 21 फरवरी को चंडीगढ़  में आयोजित 55वीं राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री गुमला की की बेटी सुप्रीति कच्छप ने बालिका अंडर-18 आयु वर्ग में रेस लगाईं थी. जिसमे उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. 

पिता के सपने को पूरा कर रही है बेटी 

इससे पहले सुप्रीति ने खेलो इंडिया में 3000 मीटर की रेस में भी नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था. हालांकि, उनकी सफलता को देखने के लिए उनके पिता आज उनके बीच में नहीं है. लेकिन सुप्रीति लगातार अपने पिता के सपने को पूरा कर रही हैं. वहीं, सुप्रीति की मां एक चुतर्थवर्गीय कर्मचारी हैं.

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अपनी बेटी की सफलता उनकी मां बालमति देवी ने बताया था कि वो बचपन से ही एथलीट बनाना चाहती थी और आज उसने अपने इस सपने को साकार कर दिया है. ऐसे में झारखंड की ये बिटिया आने वाली पीढ़ी को सफलता का एक नया मंत्र पढ़ा रही है.

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