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Shami Plant: शमी का पौधा हिंदू धर्म में तुलसी के बाद सबसे ज्यादा महत्व रखता है. इसे शनि वृक्ष के नाम से भी जानते हैं. इसकी पूजा से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा मिलती है. शनि के दोषों का निवारण इस पौधे की पूजा से संभव है. बता दें कि इसे खेजड़ी भी कहा जाता है. इस पौधे में कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं. शमी का पौधा भगवान शिव, भगवान गणेश और प्रभु श्रीराम को के साथ मां शक्तिस्वरूपा दुर्गा को भी बेहद प्रिय है. शमी का पौधा जेठ की तपती गर्मी में भी सूखता नहीं है.
इसके फूल को मींझर और फल को सांगरी कहा जाता है. इसका फल सूखने के बाद सूखा मेवा होता है. घर में दक्षिण दिशा में शमी का पौधा लगाना शुभ माना गया है. वहीं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शमी के फूल और पत्तियां चढ़ाई जाती है. शमी की लकड़ी को काले कपड़े में बांधकर शरीर पर बांधन से स्वास्थ्य संबंधी या दुर्घटना संबंधी संभावना खत्म हो जाती है.
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शमी का पौधा आपके घर में सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करता है. वैसे इस फूलों और पत्तियों का उपयोग न्याय के देवता शनिदेव और भोलेनाथ की पूजा में किया जाता है. सावन, सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि पर शमी के पेड़ की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
शमी के फूल शिव के पांच सबसे प्यारे पुष्पों में से एक है. आक, धतूरा, कनेर, पारिजात के साथ शमी का पुष्प भी शिव को बेहद पसंद है. शिव के अलावा शनिदेव, गणेश और कृष्ण को शमी के फूल बेहद प्रिय हैं. बेल की तरह ही शमी के पेड़ में भी शिव का वास माना गया है.