आजाद होकर भी 'आजाद' नहीं हो पा रही है रिया आफरीन, मदद का है इंतजार
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आजाद होकर भी 'आजाद' नहीं हो पा रही है रिया आफरीन, मदद का है इंतजार

रिया आफरीन रूपा को 5 दिसंबर 2019 को जेल लाया गया. कोर्ट ने उसे एक वर्ष की सजा सुनाते हुए 500 रुपए का जुर्माना मुकर्रर किया था. जुर्माना नहीं देने पर 7 दिनों की उसे अतिरिक्त सजा मिली. रिया की सजा 22 जनवरी 2021 को पूरी हो गई.

 

जेल में बंद विदेशी महिला को है मदद का इंतजार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नालंदा: नालंदा के एक घटना ने पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. विदेश की एक महिला जो 40 दिन पहले ही अपनी सजा पूरी कर चुकी है ,लेकिन इसे सरकार की अव्यवस्था कहिए या पुलिस सिस्टम की लापरवाही, जिसके कारण सजा पूरी करने के बाद भी जेल में बंद है.

 ये मामला नूरसराय थाना इलाके का है ,जहाँ पुलिस ने वर्ष 2019 को अहियापुर मोड़ से बांग्लादेशी महिला रिया आफरीन रूपा को भटकते हुए बरामद किया था. पूछताछ में महिला ने अपनी पहचान बांग्लादेश निवासी रूपा बताते हुए वर्तमान पता पश्चिम बंगाल बताई थी. लेकिन पूछताछ के बाद पुलिस ने महिला को शांति कुटीर भेज दिया.

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पुलिस जांच में महिला की पहचान बांग्लादेश के खुलना जिला के खलिसपुर थाना क्षेत्र निवासी मो. शाहजहां की पत्नी रिया आफरीन रूपा के रूप में की गई. पता चला कि महिला पश्चिम बंगाल से नहीं बल्कि बांग्लादेश से नालंदा आई थी. महिला के पास  भारत आने संबंधी किसी तरह का दस्तावेज नहीं था. इस कारण विदेशी अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज कर उसे न्यायालय के सुपुर्द कर दिया गया. कोर्ट ने महिला को 1 वर्ष 7 दिन की सजा  और 500 रुपए का जुर्माना मुकर्रर किया था. महिला की सजा 22 जनवरी को पूरी हो गई. लेकिन कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में महिला की सजा पूरी होने के बाद एसपी को उसे  विदेश भेजने में सहयोग करने का निर्देश दिया था.

लेकिन पुलिस की लापरवाही देखिए .सजा खत्म होने के बाद भी अभी तक उसे बांग्लादेश भेजने का प्रबंध ना तो नालंदा पुलिस और ना ही जिला प्रशासन ने किया. नतीजन ,सजा खत्म होने के बाद भी महिला को अभी भी जेल में ही कैदी की तरह रहना पड़ रहा है. 

कब आई थी जेल में रिया आफरीन  
रिया आफरीन रूपा को 5 दिसंबर 2019 को जेल लाया गया.  कोर्ट ने उसे एक वर्ष की सजा सुनाते हुए 500 रुपए का जुर्माना मुकर्रर किया था. जुर्माना नहीं देने पर 7 दिनों की उसे अतिरिक्त सजा मिली. रिया की सजा 22 जनवरी 2021 को पूरी हो गई.

सजा पूरी होने के बाद भी 40 दिनों से बंदियों की तरह है रूपा 
सजा पूरी करने के बाद भी रूपा 40 दिनों से जेल में बंदियों की तरह रह रही है. इसके बाद जिला या पुलिस प्रशासन ने उसे विदेश भेजने की व्यवस्था नहीं की. जबकि, कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट निर्देश दिया था कि विदेश मंत्रालय या गृह विभाग से संपर्क कर रूपा को विदेश भेजने की व्यवस्था की जाए.

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पेंटिंग बना कर काटी सजा
जेल सूत्रों की मानें तो ,बंग्लादेश में  महिला का भरापूरा परिवार है. वो किसी तरह भटककर नालंदा आ गई थी .सजा के दौऱान रिया आफरीन ने जेल की दीवारों पर पेंटिंग बनाए. 

कैसे भारत पहुंची रिया आफरीन ? 
वर्ष 2019 में तत्कालीन प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र की कोर्ट में रिया ने बयान दिया था कि बांग्लादेश में उसके बच्चे का ऑपरेशन होना था. जिसके लिए काफी पैसे की जरूरत थी.  एक दलाल ने उसे भरोसा दिया कि वह उसे भारत में काम दिला देगा. दलाल  ने कहा था कि कमाई कर लौट जाना. बच्चे का इलाज करा लेना. लेकिन दलाल उसे भारत लाकर यूं ही लावारिस भटकने के लिए छोड़ दिया . महिला के दो  बच्चे हैं. उसकी बदकिस्मति देखिए ,भरेपूरे परिवार वाली रिया अब कैदी के रूप में जेल की चहारदीवारी में कैद है.

जेल प्रशासन ने एसपी को लिखा था पत्र
सजा पूरी होने के पहले जेल अधीक्षक प्रभात कुमार ने नालंदा एसपी को पत्र भेजकर कोर्ट की टिप्पणी से अवगत करा दिया था.जेल अधीक्षक ने बताया कि 29 जनवरी 2021 को पत्र भेजकर एसपी को कोर्ट की टिप्पणी से अवगत करा दिया गया था. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि एसपी की सहायता से महिला को बांग्लादेश भेजने का प्रबंध किया जाएगा. 

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क्या बोले पीपी ?
बिहारशरीफ कोर्ट के पीपी अधिवक्ता मो.कैंसर इमाम ने बताया कि महिला ने 40 दिनों पूर्व ही अपनी सजा पूरी कर ली है .उसे जेल से बाहर लाने के लिए  एसपी के द्वारा प्रयास किया जा रहा है .अधिवक्ता का कहना है कि किसी भी दूसरे देश के व्यक्ति को उसके वतन पहुंचाने की एक प्रकिया होती है, जिसमें थोड़ा वक्त लगता है .उम्मीद है इन्हें जल्द वतन भेज दिया जाएगा .