मॉनसून सत्र में भी सरकार को झेलना पर सकता है एईएस का प्रकोप, विपक्ष है तैयार
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मॉनसून सत्र में भी सरकार को झेलना पर सकता है एईएस का प्रकोप, विपक्ष है तैयार

मॉनसून आने से एईएस का प्रकोप भले ही कम होता दिख रहा है. लेकिन विधानसभा के मॉनसून सत्र में सरकार को एईएस का प्रकोप झेलना पड़ सकता है.

एईएस पर नीतीश सरकार को विपक्ष घेरने को तैयार है. (फाइल फोटो)

पटनाः नीतीश सरकार की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं. मॉनसून आने से एईएस का प्रकोप भले ही कम होता दिख रहा है. लेकिन विधानसभा के मॉनसून सत्र में सरकार को एईएस का प्रकोप झेलना पड़ सकता है.

विधानमंडल के मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए आरजेडी ने रणनीति तैयार कर ली है. सत्र के दौरान ही चमकी बुखार समेत कई मुद्दों पर नीतीश सरकार की बर्खास्तगी को लेकर आरजेडी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी.

चमकी बुखार का असर कम होने लगा है. अब पहले की तुलना में पीड़ित बच्चे भी हॉस्पीटल नहीं पहुंच रहे. राज्य सरकार अब राहत की सांस ले रही है. लेकिन नीतीश सरकार के लिए यह समय राहत की सांस लेने का नहीं चिंतन करने का है. क्योंकि, मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने सरकार को एईएस के मुद्दे पर घेरने की पूरी तैयारी कर चुकी है. सोमवार को एईएस और लॉ एण्ड आर्डर के मुद्दे पर आरजेडी ने पूरे बिहार में धरना दिया. अब आरजेडी की तैयारी विधानमंडल के मॉनसून सत्र में सरकार को मुद्दे पर घेरने की तैयारी है.

पार्टी के अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे ने बताया है कि एईएस, लॉ एण्ड आर्डर और जल संकट के मुद्दे पर आरजेडी के विधायक राज्यपाल से मिलेंगे और नीतीश सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे.

इधर, आरजेडी की मनसा की भनक रुलिंग पार्टी को भी लग चुकी है. रुलिंग पार्टी ने भी आरजेडी की रणनीति को लेकर आरजेडी को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर ली है. बीजेपी विधायक संजय सरावगी उस रणनीति का खुलाशा इसारों ही इसारों में करते नजर आते हैं.

संजय सरावगी कहते हैं कि एईएस के मुद्दे पर राज्य और केन्द्र सरकार ने काफी काम किया है. मुजफ्फरपुर में 100 बेड का आईसीयू बनने वाला है. विपक्ष आखिर किस मुंह से मामले पर बोलेगा. क्योंकि विपक्ष का नेता ही लापता है. हमें तो चिंता तेजस्वी यादव की हो रही है कि आखिर तेजस्वी कहां और किस हाल में हैं. जिस दल के नेता खुद पीडित बच्चों से मिलने मुजफ्फरपुर नहीं गये वो किस मुंह से एईएस पर सवाल उठा रहे हैं.

आरजेडी की मनसा सामने आने के बाद ये तय हो चुका है कि विधानमंडल का मौनसून सत्र काफी हंगामेदार रहनेवाला है. ऐसे में मॉनसून सत्र के दौरान सदन की कार्रवाही चल पाएगी या नहीं इसपर भी अब संदेह दिखने लगे है.