Diabetes मरीजों के लिए अच्छी खबर, Russian Potato से कंट्रोल में रहेगा शुगर!
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Diabetes मरीजों के लिए अच्छी खबर, Russian Potato से कंट्रोल में रहेगा शुगर!

जामुनी आलू मूलतः रूस की ब्लैक पोटैटो है जिसे तकरीबन 50 वर्षों की खोज और प्रयोग के बाद यह किस्म बिहार के चंपारण में पहली बार यहां के किसान लेकर आए हैं.

रूसी ब्लैक आलू खाने से कंट्रोल में रहेगा शुगर!

इमरान अजीज/बगहा: हमारे समाज का एक बड़ा तबका अनियमित खान-पान और भाग दौड़ वाली जीवनशैली की वजह से आज मधुमेह जैसी घातक बीमारी से जूझ रहा है. ऐसे में डायबिटीज से जंग लड़ने को लेकर चम्पारण के एक किसान ने कमर कस ली है और मधुमेह (Diabetes) रोगियों के स्वास्थ्य सुधारने के मद्देनजर ऐसे खाद्य पदार्थों की खेती कर हर सीजन एक नए कृतिमान रच रहे हैं, जिससे कुछ हद तक मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है.

दरअसल, पश्चिम चंपारण जिला के रामनगर अंतर्गत हरपुर गांव निवासी विजय गिरी ने डायबिटीज बीमारी के खिलाफ जो सत्याग्रह छेड़ा है उसके तहत इन्होंने पहले ब्लैक राइस, ब्लैक गेंहू, मैजिक राइस की खेती की और अब यहां रूसी जामुनी आलू का एक प्रभेद लाया है जिसको ब्लैक पोटैटो (Black Potato) भी कहा जाता है. 

जानकारी के मुताबिक, जामुनी आलू मूलतः रूस की ब्लैक पोटैटो है जिसे तकरीबन 50 वर्षों की खोज और प्रयोग के बाद यह किस्म बिहार के चंपारण में पहली बार यहां के किसान लेकर आए हैं. वहीं, विजय गिरी का कहना है कि अमूमन सभी चिकित्सक मधुमेह रोगियों को चावल और आलू को उनके भोजन की थाली में शामिल करने से मना करते हैं, यही सोच कर उन्होंने ऐसे खाद्य पदार्थों की खोज और जुगाड़ कर इसकी खेती को बढ़ावा दिया है जिसे मधुमेह रोगी बिना भय के भी पहले चावल और अब जामुनी आलू खा सकते हैं. सबसे बड़ी खासियत है कि इस जामुनी आलू को खाने से उनका शुगर लेवल कंट्रोल रह सकता है. 

प्रयोगकर्ता किसान विजय गिरि कि मानें तो ब्लैक पोटैटो रूस में कई दशकों के प्रयोग के बाद उत्पन्न किया जा सका है, जो इन्होने अपने देश में भी यहां मंगवाया है, इसकी खेती अब वह पहली दफा बिहार के चंपारण में कर रहे हैं. बावजूद इसके कृषि विभाग के लोग देखने तो आते हैं लेकिन सिर्फ सैंपल ले जाते हैं और शाबासी देते हैं. अगर कृषि विभाग और सरकार इस तरह के प्रभेद को अन्य किसानों के बीच बढ़ावा देगी तो शारीरिक, आर्थिक और कृषि के क्षेत्र में पुनः चंपारण से क्रांति की शुरुआत बेमिसाल होगी और मधुमेह रोग से जंग जितने में सत्याग्रह की धरती पुनः नया इतिहास रचेगी.