Lok Sabha Election 2024: हिना शहाब ने कहा कि आज भी उनके संपर्क में सभी दल के लोग हैं. उन्हें किसी भी दल से परहेज नहीं है. उन्होंने कहा कि झंडा हरा हो पीला हो या नीला हो. हम सब लोग एक बराबर हैं. सबका सम्मान करना हमारा फर्ज है. उनके इस बयान ने राजद के अंदर खलबली मचा दी है.
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, लेकिन महागठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है. सीट शेयरिंग में हो रही देरी से अब नेताओं में बेचैनी बढ़ने लगी है. इस बीच बिहार के दिवंगत बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने आरजेडी को बड़ा झटका देते हुए खुद ही अपनी सीट का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि सीवान से वह खुद या उनके बेटे ओसामा शहाब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. राजद का साथ छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें राजद से ना तो पहले कोई नाराजगी नहीं थी और आज भी कोई कोई नाराजगी नहीं है. हिना ने अपनी सीट की घोषणा करके महागठबंधन की परेशानी बढ़ा दी है. अब महागठबंधन में सीवान से उनको टिकट देना मजबूरी बन जाएगी.
बता दें कि हिना साहब तीन बार राजद की टिकट पर सीवान लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा है. इस बार बगावती तेवर दिखाते हुए हिना साहब ने एलान कर दिया है कि निर्दलीय ही चुनाव लड़ा जाएगा. उनका ये बयान उस वक्त आया है जब शहाबुद्दीन के परिवार की राजद से नाराजगी की खबरें मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं. कुछ दिन भी पहले तेजस्वी यादव अपनी जन विश्वास यात्रा लेकर सिवान पहुंचे थे. तेजस्वी के मंच पर तमाम लोग मौजूद थे, लेकिन शहाबुद्दीन परिवार का कोई भी सदस्य मंच पर मौजूद नहीं था.
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चर्चा तो ये भी है कि हिना इस बार चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं. कुछ महीने पहले ही चिराग ने उनसे मुलाकात की थी. चिराग से मुलाकात हिना ने कहा था कि मेरे लिए हरा पीला लाल गेरुआ कोई कलर गैर नहीं है. ये सभी हमारे अपने रंग हैं. बता दें कि बिहार की राजनीति में हिना के दिवंगत पति शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी. बीते करीब तीन दशक तक सीवान की राजनीति और सामाजिक परिवेश में उनका नाम बहुत चर्चित रहा है. वह दो बार विधायक और 4 बार सांसद रह चुके थे. मई 2021 में कोरोना के कारण उनका निधन हो गया था.
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वह राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेहद करीबी माने जाते थे. 1996 से 2004 तक वह लगातार सीवान सीट पर राजद पार्टी का परचम बुलंद करते रहे थे. हालांकि उनके निधन पर तेजस्वी ने उनके परिवार को वो तरजीह नहीं दी जो उनके पिता लालू यादव कभी शहाबुद्दीन को देते थे. यही वजह है कि हिना शहाब का अब राजद से मोहभंग हो रहा है. सीवान सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो जातीय सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक सीवान में करीब तीन लाख मुस्लिम, 2.5 लाख यादव, 1.25 लाख कुशवाहा और 80 हजार के आसपास साहनी मतदाता हैं. इसके अलावा अगड़ी जाति के करीब चार लाख और 2.5 लाख ईबीसी मतदाता हैं.