एसकेएमसीएच के अधिक्षक एस के शाही ने परिजनों को बच्चों को चमकी बुखार से बचाने का सुझाव दिया है और कहा है कि वो गर्मी के समय में अधिक से अधिक बच्चों का ख्याल रखें.
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मुजफ्फरपुर: बिहार में एक तरफ भीषण गर्मी के कहर से लोगों की लगातार मौत हो रही है तो दूसरी ओर चमकी बुखार के कारण बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. बिहार में जहां चमकी बुखार से 110 बच्चों की मौत हो चुकी है वहीं, मुजफ्फरपुर के बाद अब एईस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से कई और भी जिले प्रभावित हो रहे हैं.
अब पूर्वी चम्पारण जिले में भी चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है. जिले के अब तक एईएस के 36 बच्चे नए मामले सामने आ चुके हैं. इन सभी बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर और पूर्वी चम्पारण के विभिन्न निजी अस्पतालों में किया जा रहा है.
वहीं, एसकेएमसीएच के अधिक्षक एस के शाही ने परिजनों को बच्चों को चमकी बुखार से बचाने का सुझाव दिया है और कहा है कि वो गर्मी के समय में अधिक से अधिक बच्चों का ख्याल रखें.
पिलाएं अधिक पानी
एस के शाही ने कहा है कि इस मौसम में बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं ताकि वो पूरे दिन हाइड्रेट रहें और वो जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे.
गर्मी से बचाएं
परिजनों से एसकेएमसीएच के अधिक्षक ने कहा है कि किसी भी हाल बच्चों को गर्मी और उमस से बचाएं. इस भीषण गर्मी का असर सबसे जल्दी बच्चों पर हो रहा है इसलिए उनका गर्मी से बचकर रहना बेहद जरूरी है.
दो बार नहलाएं
एस के शाही ने कहा है कि गर्मी के मौसम में बच्चों दिन भर में दो बार नहाएं और चीनी, नमक और पानी घोल दें. लेकिन फिर भी लक्षण लगे तो पारासिटामोल की गोली या सिरप दें.
ओआरएस का दें घोल
एसकेएमसीएच के डॉक्टर एस. के शाही ने कहा कि बच्चों को नमक चीनी और पानी का घोल बच्चों को दें क्योंकि इससे ना सिर्फ शरीर हाइड्रेट रहेगा बल्कि जल्दी गर्मी भी नहीं रहेगी.