पटना में जनता दरबार 'हिट' होने के बाद अब गांव जाएंगे तेजप्रताप, सुनेंगे लोगों की समस्याएं
आमतौर पर आरजेडी के सभी नेता रुलिंग पार्टी के निशाने पर होते हैं. आरजेडी में तेजप्रताप यादव ही इकलौते ऐसे नेता हैं जिनके सपोर्ट में पूरी रुलिंग पार्टी खडी नजर आ रही है.
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आशुतोष चंद्रा, पटना: बिहार के पटना में तेजप्रताप यादव के जनता दरबाद के सफल होने के बाद अब उन्होंने गांव में जाकर जनता दरबार लगाने का फैसला लिया है. जल्द ही इसके औपचारिक तारीख की भी घोषणा की जाएगी. तेजप्रताप के इस फैसले के बाद सियासी गलियारे में हलचल भी मची हुई है.
बिहार सरकार के मंत्री मंगल पाण्डेय ने तेजप्रताप के फैसले को परिवार और पार्टी में न्याय के लिए लड़ी जाने वाली लड़ाई करार दिया है. गांवों में जनता दरबार कब से लगेगा ये फिलहाल तय नहीं है लेकिन गांव में जनता दरबार लगाने तेजप्रताप यादव ने खुद इसकी घोषणा जनता दरबार के दौरान की. आरजेडी के नेता भी तेजप्रताप यादव के फैसले से काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.
आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि तेजप्रताप यादव लालू प्रसाद यादव की परंपरा को आगे बढा रहे हैं. तेजप्रताप जो भी फैसला लेगें वो पार्टी और समाज के हित में होगा.
इधर तेजप्रताप यादव का फैसला सियासी गलियारे में सुर्खियों को विषय बना हुआ है. बिहार सरकार में मंत्री भाजपा नेता मंगल पांडेय तेजप्रताप की इस कवायद को पार्टी और परिवार में न्याय के लिए लडी जाने वाली लडाई बता रहे हैं.
मंगल पाण्डेय ने कहा है कि तेजप्रताप यादव अपनी पार्टी और परिवार मे उपेक्षित हैं. लालू प्रसाद ने तेजप्रताप यादव के साथ अन्याय किया है. बडा बेटा होने के नाते तेजप्रताप को जो सम्मान मिलना चाहिए था वो सम्मान लालू परिवार ने उन्हें नहीं दिया है. तेजप्रताप यादव के राजनीतिक पहचान मिटाने की कोशिश उनके परिवार में हो रही है जिसे वो भली भांति समझ रहे हैं. यही वजह है कि तेजप्रताप अपने न्याय की लडाई खुद लड रहे हैं.
आमतौर पर आरजेडी के सभी नेता रुलिंग पार्टी के निशाने पर होते हैं. आरजेडी में तेजप्रताप यादव ही इकलौते ऐसे नेता हैं जिनके सपोर्ट में पूरी रुलिंग पार्टी खडी नजर आ रही है. ऐसे में तेजप्रताप यादव का ग्रामीण जनता दरबार सियासी गलियारे में क्या गुल खिलाएगा देखना दिलचस्प होगा.