UPA-2 ने नहीं किया था बेहतर काम इसलिए हुई थी हारः रघुवंश प्रसाद सिंह
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि छोटे दल अपने नेतआों को खुश करने के लिए टिकट मांग रहे हैं.
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नई दिल्लीः बिहार महागठबंधन में सीटों के मसले से लेकर नेतृत्व तक की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. जहां सभी छोटे से लेकर बड़े दल सीटों की दावेदारी कर रहे हैं. वहीं, आरजेडी की ओर से कहा गया है कि सीट शेयरिंग नहीं हुई तो किसी की भी दावेदारी का कोई मतलब नहीं है. इस बीच आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि छोटे दल अपने नेतआों को खुश करने के लिए टिकट मांग रहे हैं. साथ ही कहा यूपीए-2 ने बेहतर काम नहीं किया था इसलिए हार का सामना करना पड़ा था.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि यूपीए-2 ने बेहतर काम किया होता तो उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ता. उन्होंने कहा कि हार का मुख्य कारण यूपीए-2 के काम करने का ढंग जिम्मेदार था. अगर सरकार की मोनेटरिंग की गई होती तो ऐसा नहीं होता. यूपीए-2 में सरकार को कोई वॉच नहीं कर रहा था. और इसकी मोनेटरिंग भी नहीं का जा रही थी. जिससे हार का सामना करना पड़ा.
वहीं उन्हें पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भी मालूम नहीं है कि सरकार कैसे चलाई जाती है. सरकार में रहकर अबतक वह झूठ ही बोल रहे हैं. उनके कारण लोगों का काफी परेशानियां झेलनी पड़ी है. रघुवंश सिंह ने नोटबंदी का भी मुद्दा उठाया और कहा कि 500-1000 के नोट बंद ही कर दिए गए तो फिर 500-2000 का नोट क्यों बाजार में लाया गया.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने यूपीए-2 के कार्यकाल को सही नहीं ठहराया. हालांकि उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कांग्रेस का रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि 2009 में कांग्रेस को छोड़कर गलती हो चुकी है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. वह यूपी में हुई गलती को बिहार में नहीं दोहराएंगे.
वहीं, जीतनराम मांझी के सीटों के दावों को लेकर कहा कि उन्हें हमने पहले ही कहा था कि अपनी छोटी पार्टी को मर्ज कर दीजिए और कॉमन सिंबल पर चुनाव लड़ें. लेकिन छोटे दल अपने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि सब ठीक हो जाएगा. महागठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है बात करने पर सभी चीजें ठीक हो जाएगी.
वहीं, उन्होंने सवर्ण आरक्षण को लेकर भी कहा कि आरजेडी कभी इसके विरोध में नहीं आई है. हमारे 2014 के मेनिफेस्टो में भी यह बात लिखी है. उन्होंने कहा कि मनोज झा ने संसद में क्या बोले उसका कोई मतलब नहीं है. इस पर कोई क्या बोलता है कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि मेनिफेस्टो में लिखा है तो किसी के भी बोलने से कुछ भी नहीं होगा. आरजेडी सवर्णों की हितैषी है.
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