भाजपा ने मुख्यमंत्री पर अपने नाम माइनिंग लीज लेने का आरोप लगाते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. इस केस में आयोग का फैसला किसी भी दिन आ सकता है. उधर माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश के आरोपों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है. चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के फैसले राज्य के सत्ता समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं