श्रमिक ट्रेन से मुजफ्फरपुर आने के दौरान एक महिला ने दम तोड़ दिया. महिला का महज दो साल का बेटा चादर में लिपटे मां के शव को बार-बार जगाने की कोशिश कर रहा था.
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मुजफ्फरपुर: बिहार में प्रवासी मजदूरों के परेशानियों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. श्रमिक ट्रेन से मुजफ्फरपुर आने के दौरान एक महिला ने दम तोड़ दिया. महिला का महज दो साल का बेटा चादर में लिपटे मां के शव को बार-बार जगाने की कोशिश कर रहा था.
कभी वो अपनी मां को उठाने की कोशिश तो कभी खेलने में लगा था. बच्चे को पता भी नहीं था कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही. महिला का नाम अरवीना खातून (35) था. वो कटिहार की रहने वाली थी. महिला अपनी बहन और जीजा के साथ श्रमिक एक्सप्रेस से अहमदाबाद से बिहार आ रही थी. बीते रविवार को वह ट्रेन में सवार हुई.
छोटे बच्चे को नहीं मालूम कि जिस चादर के साथ वह खेल रहा है वह हमेशा के लिए मौत की गहरी नींद सो चुकी माँ का कफ़न है। 4 दिन ट्रेन में भूखे-प्यासे रहने के कारण इस माँ की मौत हो गयी। ट्रेनों में हुई इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन? विपक्ष से कड़े सवाल पूछे जाने चाहिए कि नहीं?? pic.twitter.com/pdiaHuS9vf
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) May 27, 2020
ट्रेन में महिला की स्थिति अचानक खराब हो गई और सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे महिला की ट्रेन में मौत हो गई. ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दोपहर के करीब तीन बजे पहुंची. रेलवे पुलिस ने महिला के शव को ट्रेन से उतारा. महिला के शव को जब प्लेटफॉर्म पर रखा गया, तब उसका ढाई साल का बच्चा शव के करीब पहुंच गया. वह मां के पास खेलने लगा, उसे जगाने की कोशिश करने लगा.
वहीं, इस घटना पर जीआरपी के डिप्टी एसपी रमाकांत उपाध्याय ने कहा, 'यह घटना 25 मई की है. महिला अहमदाबाद से आ रही थी और मधुबनी में उसकी मौत हो गई. उसके जीजा ने बताया कि अचानक ही महिला की मौत हो गई. खाने और पानी की कोई समस्या नहीं थी. महिला को पिछले एक साल से बीमारी थी और वह दिमागी तौर से अस्थिर भी थी.