Susta Village: पश्चिनी चंपारण के सुस्ता गांव पर नेपाल पूरी तरह से अपने कंट्रोल में करने वाला है. हालांकि, यह गांव भारत का क्षेत्र है, लेकिन जब करीब 50 साल पहले गंडक नदी में बाढ़ आई और नदी ने अपना रास्ता बदला तो यह क्षेत्र उस पार चला गया. तभी सुस्ता गांव को लेकर विवाद चल रहा है.
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West Champaran: सुस्ता गांव को शायद ही आप जानते होंगे, क्योंकि यह भारत और नेपाल के बॉर्डर पर स्थित है. इस गांव पर नेपाल कब्जा करने जा रहा है. कभी सुस्ता गांव भारत में हुआ करता था, जो अब बॉर्डर के उस पार चला गया है. इसकी वजह है कि करीब 50 साल पहले आई बाढ़ से सुस्ता गांव गंडक नदी के उस पार चला गया. जिसके बाद आज तक विवाद चल रहा है. अब नेपाल इस गांव पर नजर जमाए हुए है और कब्जा करना शुरू दिया है.
दरअसल, नेपाल नए वित्तीय वर्ष में सुस्ता गांव पर अपना पूरा कब्जा जमाने के लिए त्रिवेणी नगर पालिका क्षेत्र के नक्शे को बदलने के प्लान में है. नेपाल त्रिवेणी को गंडकी प्रदेश से निकालकर लुंबनी राज्य में शामिल करने के प्लान को अमलीजामा पहनाना शुरू दिया है.
नेपाल के नवलपरासी जनपद के परासी में त्रिवेणी को सुस्ता समेत लुंबनी को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. जानकारी के अनुसार, नेपाल ऐसा इसलिए कर रहा है कि त्रिवेणी धाम की भौगोलिक बनावाट की वजह से लोगों को दूरी तय करनी पड़ती है.
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बता दें कि नेपाल और भारत का बॉर्डर गंडक नदी से तय माना जाता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि करीब 50 साल पहले तक नरसहिया, सुस्ता समेत कई गांव भारत के क्षेत्र में थे, जो गंडक नदी के कटाव की वजह से दूसरी तरफ चले गए. ऐसा इसलिए हुआ कि जब नदी में कटाव हुआ तब उसने अपना रास्ता बदल लिया और ये क्षेत्र दूसरी तरफ चला गया. इसके बाद नेपाल ने इन जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. जिसकी वजह से सुस्ता गांव भी नेपाल के कब्जे में आ गया.
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