'इंतजार कराया, CM से बिना मिलाए लौटा दिया', BJP नेताओं ने DM को भेजे चाय के 700 रुपये
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'इंतजार कराया, CM से बिना मिलाए लौटा दिया', BJP नेताओं ने DM को भेजे चाय के 700 रुपये

BJP Leaders sent Rs 700 to DM: बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का गाजियाबाद जिलाधिकारी को अपमानित करने की बात और चाय के 700 रुपये लौटने की बात कहकर लिखा हुआ पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

'इंतजार कराया, CM से बिना मिलाए लौटा दिया', BJP नेताओं ने DM को भेजे चाय के 700 रुपये

BJP Leaders sent Rs 700 to DM: सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी तेजी के साथ वायरल हो रही है. यह गाजियाबाद डीएम द्वारा भाजपा नेताओं को पिलाई गई चाय के ₹700 वापसी का एक पत्र है. पत्र में बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपने अपमान और मुख्यमंत्री से न मिलने की बात कहकर रोष जाहिर किया है. इस चिट्ठी के साथ 700 रुपये भी दिख रहे हैं. इसमें एक 500 रुपये का नोट और दो 100-100 रुपये के नोट हैं.

क्या है पूरा मामला और कैसे शुरू हुआ विवाद?

गाजियाबाद के पूर्व विधायक और एमएलसी प्रशांत चौधरी ने बताया सुबह के समय संगठन की तरफ से उन्हें फोन आया कि 9:30 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी. उसके बाद वह समय 9:00 बजे का कर दिया गया. मुलाकात के लिए केवल चुनिंदा 10 से 15 व्यक्तियों को ही आमंत्रित किया गया. इसके बाद सभी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गंगाजल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थित गेस्ट हाउस पर पहुंच गए. प्रशासन ने आधे घंटे उन्हें बिठाकर चाय आदि पिलवाई. इसके बाद उनकी सीएम से बातचीत के बजाय उन्हें गेट के पास लाइनअप कर दिया गया, जिसमें केवल मुख्यमंत्री को जाते हुए अभिवादन करना था. 

कार्यक्रम में बदलाव की बात सुनकर वरिष्ठ कार्यकर्ता नाराज हो गए और इसे अपना अपमान बताने लगे. इसके बाद वो वहां से जाने लगे, जिसे देखकर प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीएम समझाने के लिए पहुंचे. अपमान किए जाने की बात पर जिलाधिकारी ने नेताओं से हल्के अंदाज में कह दिया कि आपको हमने चाय पिलाई है. अपमान कहां किया है. इसके बाद वरिष्ठ नेता और भड़क गए. उन्हें चाय के पैसे लौटाने की बात कहते हुए वहां से निकल गए. इसके बाद भाजपा नेताओं द्वारा चाय के पैसे लौटाने और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. बीजेपी संगठन सहित प्रशासनिक अधिकारी डैमेज कंट्रोल में जुट गए.

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लेटर वायरल होने के बाद डीएम ने दी सफाई 

गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर करते हुए स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि संगठन की तरफ से जो कार्यक्रम था, उसमें खाली कार्यक्रम स्थल पर बुलाया जाना था. प्रॉक्सिमिटी पास की कोई बात नहीं की गई थी और ना ही किसी ने मिलने की बात कही थी. अब जिलाधिकारी महोदय भी वीडियो जारी करने के बजाय अपना बयान सोशल मीडिया पर जारी किया है. वहीं, वरिष्ठ नेता भी संगठन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि, चिट्ठी के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरीके की प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं.

बीजेपी नेता ने बताई पूरी बात

गाजियाबाद के वरिष्ठ नेता राजेंद्र त्यागी ने बताया है कि पहले उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम तय किया गया था. जिसका कार्यक्रम महानगर संगठन की ओर से बताया गया था. बाद में जिला प्रशासन द्वारा इंतजार कराए जाने के बाद गेट के पास लाइनअप होने की बात कह दी गई. जिलाधिकारी राकेश सिंह ने कुछ ऐसे लहजे में बात की, जिससे वरिष्ठ कार्यकर्ता नाराज हो गए और मुख्यमंत्री से बिना मिले ही बाहर जाने लगे. इसके बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह वरिष्ठ नेताओं के पास पहुंचे और उनसे चाय पिलाने की बात कह दी. इसके बाद नाराज नेता और भड़क गए और जिलाधिकारी को चाय के पैसे लौटाने की बात कहते हुए वहां से निकल आए.

वरिष्ठ नेताओं ने जब चाय के पैसे जिलाधिकारी कार्यालय में भिजवाए तो वहां इसे स्वीकार करने से मना कर दिया गया. इसके बाद इसे रजिस्टर्ड डाक द्वारा जिलाधिकारी को भेज दिया गया है. राजेंद्र त्यागी ने साफतौर पर यह भी कहा कि प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहते थे कि वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाए, क्योंकि उन्हें डर था कि यदि मुख्यमंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के कामकाज का फीडबैक वरिष्ठ नेताओं से लेंगे तो वह उनकी कोई शिकायत ना कर दें.
(इनपुट- पीयूष गौड़)

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