Rajya Sabha: परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा की राज्यसभा में सदस्य संख्या 87 से बढ़कर 97 हो जाएगी. मनोनीत और निर्दलीयों को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 104 तक पहुंच जाएगा. यदि एनडीए की बात की जाए तो ये आंकड़ा अब बढ़कर 119 हो जाएगा. इस संख्याबल के साथ ही चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 237 सदस्यीय उच्च सदन में एनडीए को बहुमत हासिल हो जाएगा.
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Congress Vs BJP: लोकसभा चुनाव में अबकी बार कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया. राहुल गांधी को नेता-प्रतिपक्ष (LoP) का पद भी मिला. इसका लेकिन एक नुकसान आने वाले राज्यसभा चुनावों में पार्टी को होने जा रहा है. दरअसल कांग्रेस के कई राज्यसभा सदस्यों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इससे उनको राज्यसभा की सीट छोड़नी पड़ी. अब 12 राज्यसभा सीटों पर जो चुनाव होने जा रहे हैं. उनमें कांग्रेस नेताओं द्वारा छोड़ी गई सीटों का लाभ पार्टी को नहीं मिलेगा.
कहने का मतलब है कि यदि कांग्रेस उनकी जगह दूसरे नेता को राज्यसभा भेजना चाहती है तो ऐसा नहीं हो सकेगा क्योंकि अब उन सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत पक्की मानी जा रही है. इसका सीधा असर ये होगा कि राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी I.N.D.I.A की ताकत घटेगी और बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA को पहली बार राज्यसभा में बहुमत हासिल हो जाएगा.
कांग्रेस को नुकसान
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से अबकी बार लोकसभा चुनाव जीत गए. उन्होंने अपनी राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. लेकिन पार्टी अब उनकी जगह दूसरा प्रत्याशी उच्च सदन में नहीं भेज सकेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा ने हरियाणा की इकलौती राज्यसभा सीट से किरण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस ने अपने संख्याबल को देखते हुए प्रत्याशी ही नहीं उतारा. यानी किरण चौधरी निर्विरोध जीत जाएंगी और कांग्रेस के हाथ से ये सीट फिसल जाएगी.
इसी तरह कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी केरल से लोकसभा चुनाव जीत गए. वो इससे पहले राजस्थान से उच्च सदन में थे. बीजेपी ने वहां से रवनीत सिंह बिट्टू को प्रत्याशी बनाया है लेकिन कांग्रेस ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा. यानी सीट बीजेपी के खाते में जाएगी. इसी तरह बिहार में राजद नेता मीसा भारती भी राज्यसभा से लोकसभा पहुंच गईं. इस सीट का लाभ भी एनडीए को मिलेगा.
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यानी ये तीनों सीटें अब बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को मिलेंगी और इंडिया गठबंधन का नुकसान होगा. दरअसल नौ राज्यों की जिन 12 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होगा उनमें से सभी सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन होने जा रहा है क्योंकि विरोध में कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं है. इनमें से 11 सीटों पर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को जीत मिलेगी. हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और त्रिपुरा की एक-एक सीट पर एक-एक उम्मीदवार ने ही पर्चा भरा है. इसी तरह बिहार, असम, महाराष्ट्र से दो-दो सीटें थीं और दो-दो उम्मीदवारों ने ही पर्चा भरा है. लिहाजा कोई अतिरिक्त प्रत्याशी विरोध में नही है. इसलिए निर्विरोध निर्वाचन तय है.
इन 12 में से केवल एक तेलंगाना वाली सीट कांग्रेस को मिलेगी. वहां से कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को प्रत्याशी बनाया है. बुधवार यानी 21 अगस्त को पर्चा भरने का अंतिम दिन था. 27 अगस्त को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है. अतिरक्ति प्रत्याशी कहीं से नहीं होने के कारण चुनाव की नौबत नहीं आएगी लिहाजा उसी दिन चुनाव आयोग इन सीटों के परिणाम घोषित कर देगा.
एनडीए को बहुमत
मौजूदा समय में राज्यसभा की 20 सीटें रिक्त थीं. उनमें से 12 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं और नतीजे घोषित होने के बाद राज्यसभा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 237 हो जाएगी.
परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा की राज्यसभा में सदस्य संख्या 87 से बढ़कर 97 हो जाएगी. मनोनीत और निर्दलीयों को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 104 तक पहुंच जाएगा. यदि एनडीए की बात की जाए तो ये आंकड़ा अब बढ़कर 119 हो जाएगा. इस संख्याबल के साथ ही चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 237 सदस्यीय उच्च सदन में एनडीए को बहुमत हासिल हो जाएगा.