Jantar Mantar Case: हेट स्पीच मामले में Ashwini Upadhyay समेत 6 गिरफ्तार, Police ने कसा शिकंजा
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Jantar Mantar Case: हेट स्पीच मामले में Ashwini Upadhyay समेत 6 गिरफ्तार, Police ने कसा शिकंजा

Delhi Hate Speech: जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी और भड़काऊ भाषण के केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) की मुश्किल बढ़ गई हैं. इस मामले में अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: राजधानी में जंतर-मंतर पर 8 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी का मामला गंभीर हो गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सीनियर एडवोकेट और बीजेपी (BJP) नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) समेत 6 को गिरफ्तार किया है. पुलिस, एक धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी करने वालों की तलाश कर रही थी.

  1. जंतर-मंतर में भड़काऊ भाषण का मामला
  2. BJP नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 एरेस्ट
  3. दिल्ली पुलिस कर रही थी मामले की जांच 

सभी आरोपियों पर शिकंजा

इस मामले के बाकी आरोपियों की बात करें तो विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति,प्रीत सिंह को भी पुलिस ने कई धाराओं के तहत अपनी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है. इसी संगठन के बैनर तले भारत छोड़ो आंदोलन नाम का कार्यक्रम जंतर मंतर पर किया गया था

इन धाराओं में हुई थी FIR

एक धर्म विशेष से नफरत और भड़काऊ भाषण की कुछ क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इसके बाद पुलिस ने पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 153a और 188 के तहत केस दर्ज किया गया था. 

दिल्ली पुलिस ने कहा कि आयोजकों ने इस कार्यक्रम और रैली के लिए कोई अनुमति नहीं थी. उन्होंने COVID दिशानिर्देशों के संबंधित डीडीएमए अधिनियम के कानून का भी उल्लंघन किया इसलिए उन धाराओं में भी केस दर्ज हुआ था.

पूरा मामला क्या था?

रविवार 8 अगस्त को 'भारत छोड़ो आंदोलन' की वर्षगांठ के मौके पर 'सेव इंडिया फाउंडेशन' की तरफ से जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम रखा था. इसके अध्यक्ष प्रीत सिंह और सेक्रेटरी अरविंद त्यागी हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य अंग्रेजों के जमाने में बनाए गये कानूनों के बहिष्कार के साथ इनकी जगह नये कानून बनाए जाने की मांग करना था. आयोजन में आरवीएस मणि, गजेंद्र चौहान, फिरोज बक्त अहमद और खुद बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय खुद भी बतौर अतिथि शामिल हुए.

इसी कार्यक्रम के बीच एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गये. ये नारे साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले थे. दिल्ली पुलिस तक इसकी शिकायत पहुंची. जिसके बाद से आयोजकों पर कानूनी कारवाई की तलवार लटक गयी थी.

अश्विनी उपाध्याय की सफाई

वहीं अश्विनी उपाध्याय इस मामले में बार बार सफाई दे रहे कि वो इस कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए थे, उनका इन विवादित नारों से कोई लेना देना नही है. उन्होंने कहा कि वीडियो के सभी तथ्यों की जांच होनी चाहिये, जो भी आरोपी हो उस पर सख्त कारवाई की जानी चाहिये.

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