TMC vs Congress: बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को झटका देकर टीएमसी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का समर्थन किया है. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि टीएमसी ने 34 साल तक वामदलों से संघर्ष किया था. अब उन्हीं वाम दलों की आत्मा कांग्रेस में घुस गई है.
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Sudhanshu Trivedi on TMC vs Congress: पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो एक बार फिर अपने तेवर में हैं. उन्होंने कांग्रेस और लेफ्ट को अपने तीखे तेवरों का ट्रेलर दिखाया है. उन्होंने बुधवार को कोलकाता में सर्वधर्म रैली के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा. राहुल को मंदिर जाने से रोके जाने पर कहा- 'एक बार मंदिर जाने से कुछ नहीं होता, बीजेपी से लड़ना है तो वैसे लड़ो जैसे मैं लड़ती हूं.' एक तरह से कांग्रेस के पैशन को ममता ने अधकचरा बता दिया. ममता ने लेफ्ट को ज़रूरत से ज़्यादा लिफ्ट देने पर भी कांग्रेस को घेरा.
'वाम दलों को अपनी- अपनी चलाते देखा'
ममता बनर्जी ने कहा कहा, 'लेफ्ट इंडिया गठबंधन के एजेंडे को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है, ये मंज़ूर नहीं है. ममता ने कहा कि उन्होंने बैठकों में लेफ्ट को अपनी-अपनी चलाते देखा है और अपमान के बाद भी वे बैठकों में शामिल हुई हैं. उन्होंने कहा, मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती, जिनसे 34 साल लड़ी हूं.' ममता ने कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा- 'मेरे पास बीजेपी से लड़ने की ताक़त और जनाधार है. जिन्हें नहीं लड़ना है, ना लड़ें...लेकिन ये भी न करें, जिससे सीटें बीजेपी को चली जाएं.
ममता ने कांग्रेस को गाड़ी से उतार दिया
विपक्ष के INDI अलायंस में दो ब्रेकअप हो गये हैं...दो बर्तन टकरा-टकराकर फूट गए हैं. बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस को अपनी गाड़ी से उतार दिया है. कांग्रेस की चाल-ढाल पर सवाल उठाते हुए ममता ने ऐलान किया कि अब बंगाल की 42 सीटों पर वो अकेले ही लड़ेंगी, कांग्रेस अपना इंतज़ाम कर ले. ममता की इस घोषणा के थोड़ी देर बाद आम आदमी पार्टी ने भी ऐलान कर दिया कि पंजाब में वो ही हीरो है और 13 सीटों पर उसे कांग्रेस जैसा साइड हीरो नहीं चाहिए. भगवंत मान ने साफ किया कि उन्होंने 'एक थी कांग्रेस' मज़ाक में नहीं कहा था.
आखिर किस बात पर भड़क गई हैं ममता?
यूं तो ममता के गुस्से की लंबी लिस्ट है. लेकिन आज उन्होंने 2 कारण गिनाए. पहला- राहुल गांधी उन्हें बिना बताए कूचबिहार में रैली क्यों कर रहे हैं?दूसरा- गठबंधन बैठकों में उन्होंने जितने भी प्रस्ताव दिए थे, उनमें से एक भी नहीं माना गया. राहुल की रैली पर ममता इसलिए भड़कीं क्योंकि कल उनकी भी कूचबिहार में रैली
है. ममता बनर्जी 3 दिन पहले भी बुरी तरह भड़की थीं कि 'अलायंस में लेफ्ट वाले अपनी-अपनी क्यों चला रहे हैं?इन वामपंथियों की हैसियत क्या है?'
ममता पर कांग्रेस के सुर नरम
बहरहाल, कांग्रेस से रिश्ता तोड़ने का ऐलान होते ही कूचबिहार में जगह-जगह राहुल गांधी की यात्रा के पोस्टर फाड़ दिए गए. कांग्रेस ने FIR दर्ज करा दी है. इशारा TMC की तरफ़ ही है लेकिन ममता के गुस्से पर कांग्रेस ने ठंडा रिएक्शन दिया. कल ही अधीर रंजन ने कहा था कि ममता की दया नहीं चाहिये और आज ममता ने कांग्रेस को उसके हाल पर छोड़ दिया. आज अधीर रंजन पिक्चर से ग़ायब हैं. जयराम रमेश आगे आए और कहा कि 'जब सफ़र स्पीड में होता है तो ऐसे ब्रेकर आते रहते हैं. ममता के बिना गठबंधन सोचा ही नहीं जा सकता. INDI अलायंस के कुछ साथी भी बोले कि चिंता की बात नहीं है, हम सब ठीक कर लेंगे.'
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'हमारा विरोध वाम दलों को प्राथमिकता देने से'
TMC प्रवक्ता जूही बिस्वास ने कहा कि जिन वाम दलों को पश्चिम बंगाल से हटाने के लिए हमारी पार्टी ने 34 साल तक संघर्ष किया, उन्हें गठबंधन का स्टेयरिंग नहीं दे सकते. गठबंधन में वाम दलों को शामिल करने से हमें दिक्कत नहीं है बल्कि उन्हें प्राथमिकता देने से है. हम चाहते हैं कि गठबंधन में टीएमसी जैसी जनाधार वाली पार्टियों की बात सुनी जाए और उन्हें उचित सम्मान मिले न कि ऐसे दलों को, जिन्हें देश की जनता नकार चुकी है.
'कांग्रेस में समा गई वाम दलों की आत्मा'
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु चतुर्वेदी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस से गठबंधन खत्म करने के ममता बनर्जी के फैसले की तारीफ की. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन बिखरने के लिए बना था. ममता जी इस बात को सही तरीके से समझ गई हैं कि कांग्रेस और वाम दलों में केवल गठजोड़ ही नहीं हुआ है बल्कि कांग्रेस में वाम दलों की आत्मा समा गई है. वे बाहर से कांग्रेसी हैं लेकिन सारे काम वे वामपंथियों वाले ही कर रहे हैं. कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रखकर वे बंगाल को फिर अराजकता में धकेलना चाहते हैं.