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नई दिल्ली: क्या हिजाब (Hijab) पहनना मुस्लिम लड़कियों की खुद की च्वॉइस होती है या उन्हें इसे पहनने के लिए मजबूर किया जाता है. क्या हिजाब न पहनने वाली लड़कियों के साथ मुस्लिम परिवारों में भेदभाव और उत्पीड़न होता है.
Zee News के स्पेशल शो 'ताल ठोक के' में गुरुवार को हिजाब (Hijab) पर चर्चा हो रही थी. उसी दौरान हिजाब के नाम पर मुस्लिम लड़कियों के साथ होने वाले उत्पीड़न के बारे में बताते हुए बीजेपी प्रवक्ता शाजिया इल्मी (Shazia Ilmi) रो पड़ीं. शाजिया इल्मी ने कहा, 'हिजाब न पहनने वाली लड़कियों को घरों में पता नहीं क्या-क्या सुनना पड़ता है. उनकी मांओं को सुनना पड़ता है. ऐसी लड़कियों की घरों में पिटाई तक होती है. उनके बारे में कहा जाता है कि वे कितनी बदतमीज हो गई हैं.'
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शाजिया (Shazia Ilmi) ने कहा, 'हिजाब पहनने वाली लड़कियों में एक सुप्रीमेसी होती है. नैतिक दबाव होता है. अरे हम तो कितनी अच्छी लड़की हैं. हम तो हिजाब पहनती हैं. जो लड़कियां हिजाब (Hijab) नहीं पहनना चाहतीं, उनका मजाक उड़ाया जाता है. उन पर सितम ढहाए जाते हैं. छोटे शहरों और कस्बों में जाकर देखिए. वहां जाकर देखिए, मुस्लिम लड़कियों की क्या हालत है.'
कट्टरपंथियों पर नाराजगी जताते हुए इल्मी (Shazia Ilmi) ने कहा, 'ये सब लोग आगे बढ़ चुकी लड़कियों को फिर से उसी दिशा में क्यों ले जाना चाह रहे हैं. हम लोग इम सब चीजों के कितना लड़ें. मैं सिर्फ ये कह रही हूं कि पहले किताब, पहले किताब. अगर आपको मजहब सिखाना है तो उन्हें घर में सिखाइए. आप सब अपनी बातों को इन बच्चियों पर क्यों थोप रहे हैं. आप मुस्लिम लड़कियों के हक-हकूक को अपने मतलब के लिए इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं.'
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बताते चलें कि कर्नाटक के स्कूलों में इन दिनों हिजाब (Hijab) को लेकर विवाद गहराया हुआ है. एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 6 मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब पहनकर क्लास में आने की मांग की. जिसका विरोध जताते हुए हिंदू छात्र-छात्रा भगवा शॉल पहनकर स्कूल आने लगे. दोनों पक्षों में एक-दूसरे खिलाफ नारेबाजी भी हुई. जिसके बाद सरकार ने 3 दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा कर दी. अब यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगले सोमवार की तारीख तय की है.