उत्तर प्रदेश विधानसभा उप-चुनाव 2024 : यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों के लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. बीजेपी (BJP) लगातार मेल मिलाप में लगी है तो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस ने भी पूरी ताकत के साथ सत्ताधारी दल को टक्कर देने की तैयारी कर रही है. लखनऊ में सियासी आयोजन रॉकेट की स्पीड से चल रहे हैं. इस बीच बीजेपी सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों (LoK Sabha chunav) के दौरान यूपी (UP) में हुए नुकसान का बदला चुकाने का पुख्ता प्लान बना लिया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने इस मुहिम में यूपी के दलित समुदाय (Dalit Community) को एक बार फिर साधने का मन बनाया है.


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लोकसभा के नुकसान की भरपाई कर पाएगी बीजेपी?


बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने संविधान-संविधान की रट लगाकर जो नैरेटिव सेट किया उसका बीजेपी को नुकसान हुआ. गौरतलब है कि अप्रैल से मई के बीच सपा और कांग्रेस के नेताओं ने सैकड़ों बार ये कहा था कि बीजेपी जीत गई तो आरक्षण खत्म कर देगी. इससे यूपी में बीजेपी को तगड़ा नुकसान हुआ. यूपी की राजनीति के लिहाज से 2019 का लोकसभा चुनाव बेहद अहम था. बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया था, फिर भी बीजेपी की ऐसी आंधी चली कि गठबंधन हवा हो गया. वहीं कांग्रेस का तो बुरा हाल हो गया था. बीजेपी ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 62 सीटों पर पार्टी कमल खिलाने में कामयाब हो गई. BSP को 10,  SP को 5 सीटों पर जीत मिली. बीजेपी ने कांग्रेस की पारंपरिक अमेठी भी छीन ली. कांग्रेस को यूपी से बस एक सीट रायबरेली मिली थी, जहां से सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी.


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UP में Down हुई थी बीजेपी


2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सर्वाधिक 240 सीटें जीतीं. जबकि कांग्रेस ने 99 और सपा की सीटों का ग्राफ बढ़कर 37 तक जा पहुंचा था. बीजेपी नेताओं का कहना है कि 2024 में उसे दलित वोट कम मिले थे. यूपी की 9 सीटों में तो दलित वोट निर्णायक भूमिका में रहे. हर सीट पर दलित वोटरों की संख्या 20 से 50 हजार इधर उधर हो जाती तो बाजी कुछ और होती. यूपी में भाजपा को मिलने वाले दलित वोट में 8% की गिरावट आई थी. वहीं बसपा अगर सभी 10 सीटों पर उप चुनाव लड़ती है तो बीजेपी को राहत मिल सकती है. कुछ लोगों को लगता है कि बसपा इंडिया गठबंधन का वोट काटेगी.


UP उपचुनाव में हरियाणा का जिक्र क्यों?


हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई थी. एंटी इनकमबेंसी के तमाम दावों के बीच बीजेपी ने हरियाणा में वो 'चमत्कार' किया, जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की होगी. ऐसे में कुछ चुनावी पंडितों का मानना है कि हरियाणा में लोकसभा चुनावों के दौरान आरक्षण में कटौती की खबरों को हवा देते हुए कांग्रेस ने जवानों के लिए 'अग्निवीर' योजना को भी इस तरह पेश किया था कि उसका खामियाजा बीजेपी को हरियाणा में कांग्रेस के साथ 5-5 सीटों पर टाई खेलकर भुगतना पड़ा. ऐसे में बीजेपी दलित मतदाताओं की विश्वास बहाली के लिए लगाकार काम कर रही है.