Mayawati का BJP पर निशाना, कहा- सरकारी मशीनरी के जरिए BSP के कार्यक्रम रोकने की साजिश
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Mayawati का BJP पर निशाना, कहा- सरकारी मशीनरी के जरिए BSP के कार्यक्रम रोकने की साजिश

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के देखते हुए बसपा ने अपने पक्ष में जातिगत समीकरण बैठाने के मकसद से ब्राह्मण सम्मेलन करने का फैसला किया है. इस कार्यक्रम की शुरुआत बीती 23 जुलाई को अयोध्या से की गई है. 

बसपा प्रमुख मायावती (ANI Photo)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election) को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं. इस कड़ी में मायावती की पार्टी बसपा ने अयोध्या में 23 जुलाई से ब्राह्मण सम्मेलन (Brahmin Sammelan) की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम को लेकर बसपा प्रमुख मायावती (BSP Supremo Mayawati) का कहना है कि इस आयोजन से बीजेपी डर गई है और उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों के खिलाफ सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है.

  1. मायावती का भाजपा पर निशाना
  2. 'BSP के कार्यक्रमों रोकने की कोशिश'
  3. 'यूपी में BJP के खिलाफ गुस्सा'

'आयोजन रोकना चाहती है भाजपा'

मायावती ने बुधवार को कहा कि बसपा प्रबुध्द सम्मेलनों का आयोजन कोरोना प्रोटोकॉल के दायरे में रहकर कर रही है लेकिन बीजेपी की अगुवाई वाली यूपी सरकार ने इन आयोजनों को रोकने के लिए नई शर्तें और पाबंदियां लगाना शुरू कर दी हैं. उन्होंने कहा, 'अब प्रदेश की भाजपा सरकार 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे' कहावत की तरह इन आयोजनों को रोकना चाहती है'. 

बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि कुछ जगह ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि प्रशासन लिखकर तो नहीं दे रहा हैं लेकिन मौखिक रूप से कह रहा हैं कि आपके कार्यक्रम में इतनी संख्या से ज्यादा लोग नहीं आएंगे. उन्होंने सवाल किया कि ऐसी शर्ते केवल बसपा के लिए ही क्यों लगाई जा रही हैं. 

'बीजेपी के खिलाफ लोगों में गुस्सा'

मायावती ने कहा कि जातिगत द्वेष और सियासी लाभ के चलते ही सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी की वजह से मंगलवार को कासगंज के कार्यक्रम के बाद बसपा के जिला पदाधिकारियों और ब्राहम्ण समाज के सम्मानित लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से लोगों में भाजपा के खिलाफ और ज्यादा गुस्सा पनप रहा है. साथ ही बसपा के लिये और ज्यादा जोश पैदा हो गया है.

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मायावती ने कहा कि पिछले महीने की 23 तारीख से यह कार्यक्रम खासकर ब्राह्मण समाज की धार्मिक भावनाओं को लेकर अयोध्या से शुरू किया गया है. इन कार्यक्रमों की सफलता की चर्चा देशभर के मीडिया में काफी हो रही है. इससे भाजपा सहित अन्य सभी पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. 

'इनके नेता उड़ाते हैं नियमों की धज्जियां'

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों के लिये सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कहीं भी कोरोना नियमों की कोई पाबंदी नहीं हैं और इनके नेताओं को कोरोना नियमों के उल्लंघन करने और उनकी धज्जियां उड़ाने की भी पूरी छूट है. लेकिन विपक्ष की पार्टियों के लिये इनके नियम दूसरे हैं जो यहां बसपा के प्रबुध्द सम्मेलनों में देखने को मिल रहे हैं.

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बता दें कि 23 जुलाई से बहुजन समाज पार्टी के प्रबुध्द सम्मेलन राज्य के अलग-अलग जिलो में आयोजित किए जा रहे हैं. इस कार्यक्रम की शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र की अगुवाई में अयोध्या से हुई थी.

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