CBI Court Delhi: सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि हम आपकी जमानत रद्द करने नहीं जा रहे हैं.
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CBI Court relief Tejashwi Yadav: सीबीआई की विशेष अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को बड़ी राहत दी है और जमानत बरकरार रखी है. हालांकि इसके साथ ही दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत ने तेजस्वी को चेतावनी दी और कहा कि आगे से पब्लिक में कुछ बोलें तो शब्दों का सही चयन करें.
'जमानत रद्द करने का कोई विशेष आधार नहीं'
राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत (CBI Court) ने सुनवाई करते हुए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की जमानत बरकरार रखी और कहा कि जमानत रद्द करने का कोई विशेष आधार नहीं है. हालांकि कोर्ट ने चेतावनी देते हुए उनसे अधिक सावधान रहने और उचित शब्द चुनने के लिए कहा. इसके साथ ही तेजस्वी यादव से जज ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम रहते हुए ऐसे बयान देने चाहिए?
सीबीआई ने दी थी जमानत रद्द करने की याचिका
बता दें कि आईआरसीटीसी घोटाला (IRCTC Scam) मामले में सीबीआई ने दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की जमानत याचिका रद्द करने को लेकर याचिका दी थी. बता दें कि साल 2018 में तेजस्वी यादव और उनकी मां राबड़ी देवी को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में जमानत दी गई थी, जिसको लेकर सीबीआई (CBI) ने जमानत को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
सीबीआई ने लगाया था धमकी देने का आरोप
बता दें की सीबीआई ने कोर्ट में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की जमानत याचिका रद्द करने की मांग करते हुए धमकी देने का आरोप लगाया था. सीबीआई ने कोर्ट में तर्क देते हुए कहा था कि तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अधिकारियों को धमकी दी थी, जिससे मामला प्रावित हुआ.
तेजस्वी यादव का धमकी भरा अंदाज
बता दें कि सीबीआई ने 24 अगस्त को पटना, कटिहार, मधुबनी, वैशाली और सीतामढ़ी में राजद नेताओं के परिसरों पर छापे मारे थे. इसके अलावा सीबीआई ने गुरुग्राम में अर्बन क्यूब्स मॉल में तेजस्वी यादव के कथित निवेश के मामले की भी जांच की थी. छापेमारी के बाद तेजस्वी ने 25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में धमकी और चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि क्या सीबीआई अधिकारियों की मां बहनें और बच्चे नहीं होते? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होंगे? क्या सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करना चाहिए.
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