IAS Jitendra Gupta : रिश्वत लेने का IAS जितेंद्र गुप्ता पर ये कोई पहला आरोप नहीं लगा है. बता दें, CBI ने नागालैंड में तैनात IAS जितेंद्र गुप्ता और दो नागालैंड सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी की है.
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Nagaland : CBI ने नागालैंड में तैनात IAS जितेंद्र गुप्ता और दो नागालैंड सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी की है. ये छापे दिल्ली और नागालैंड में 11 ठिकानों पर मारे गए. जिसमें आरोपियों के घर और दफ्तर भी शामिल है. इस छापेमारी में एजेंसी को 3 लाख रुपये बरामद हुए है.
मामला दिसंबर 2023 से जुड़ा है जब 17 दिसंबर को IAS जितेंद्र गुप्ता और नागालैंड सरकार के दो अधिकारी रामपुकाई और ऑटो विहोई नागालैंड के दीमापुर से इंडिगों की फ्लाईट से दिल्ली आ रहे थे. इन तीनों के पास से इनकम टैक्स ने 71.50 लाख रुपये बरामद किए थे. इसमें से 16 लाख रुपये जितेंद्र गुप्ता के केबिन बैग बरामद किये, 34.50 लाख ऑटो विहोई के बैग से और 21 लाख रुपये रामपुकाई के बैग से बरामद किये. इन्कम टैक्स ने जब इन तीनों से पूछताछ की तो पता चला कि ये पैसे नागालैंड में चल रहे FOCUS-Fostering Climate Resilient Upland Farming System में प्रोजेक्ट देने के बदले और बिल जारी करने के बदले रिश्वत में मिले थे. नागालैंड के अधिकारियों ने बताया कि 16 दिसंबर 2023 को IAS जितेंद्र गुप्ता ने अपने घर पर बुलाया था और ये पैसे साथ लेकर चलने के लिये कहा था जिसमें 16 लाख उन्होंनें खुद अपने बैग में रखे थे.
इस मामले की जांच करने और बयान दर्ज करने के बाद इनकम टैक्स के डायरेक्टर जनरल,इंवेस्टिगेशन दिल्ली ने ये शिकायत दो जनवरी 2024 को सीबीआई को भेजी जिसके बाद सीबीआई ने 6 फरवरी को मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की. जितेंद्र गुप्ता 2013 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी है और साल 2020 में इंटर कैडर डेपुटेशन यानी दूसरे राज्य में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गये थे. जितेंद्र गुप्ता फिलहाल नागालैंड सरकार के कृषि विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर तैनात है. इसके अलावा बाकी दो अधिकारी नागालैंड सरकार के है जिसमें रामपुकाई वन विभाग में उप सरक्षंक और ऑटो विहोई पशु पालन विभाग में असिस्टेंट सर्जन, वेटेनरी है.
अभी तक की जांच में पता चला है कि रिश्वत का ये कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी रिश्वत ली जाती रही है. रामपुकाई ने जांच एजेंसियों को बताया कि पिछले कुछ महीनों में FOCUS प्रोजेक्ट में ही करीब 1.5 करोड़ रुपये की रिश्वत वो जितेंद्र गुप्ता की तरफ से ले चुका है जो उसने आरोपी IAS जितेंद्र गुप्ता को दी है. रामपुकाई ही जितेंद्र गुप्ता की तरफ से नागालैंड में चल रहे प्रोजेक्ट और अलग-अलग जिलों में तैनात प्रोजेक्ट अधिकारियों से पैसे इक्टठा कर जितेंद्र गुप्ता को देता था. रामपुकाई FOCUS प्रोजेक्ट में डिप्टी डायरेक्टर का काम भी देख रहा था.
IAS जितेंद्र गुप्ता पर ये कोई पहला आरोप नहीं लगा है. जब बिहार में ये SDM पद पर तैनात थे तब भी विजिलेंस विभाग ने इनके खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया था लेकिन इन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया था और पटना हाइकोर्ट से मामले को रद्द करवा दिया था. इसी के बाद साल 2019 में दिल्ली हाइकोर्ट ने केन्द्र सरकार से जितेंद्र गुप्ता को बिहार से बाहर किसी दूसरे राज्य में भेजने के लिये कहा था क्योंकि बिहार सरकार पर इन्हें परेशान किए जाने के आरोप लगाये जा रहे थे. इसी के बाद साल 2020 में जितेंद्र गुप्ता को बिहार से नागालैंड में भेजा गया था.