एलएससी पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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नई दिल्ली: एलएससी (LAC) पर भारत-चीन (India-China face off) के बीच जारी तनाव को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि लद्दाख (Ladakh) में चीनी सेना की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर बातचीत विफल रही तो सैन्य विकल्प मौजूद है. सीडीएस रावत ने कहा कि सरकार का प्रयास बातचीत के जरिये इस मुद्दे को सुलझाना है. हालांकि उन्होंने इशारा किया कि पूर्वी लद्दाख में सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं.
जनरल रावत ने कहा, "सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है. रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्दील होने से रोकना है. अगर LAC पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्य कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा."
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौटाने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
दरअसल, लद्दाख में LAC पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन अभी भी पैगोंग से पीछे नहीं हटा है. चीन की सेना फिंगर-5 से पीछे जाने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में सीडीएस बिपिन रावत का ये बयान चीन को साफ-साफ शब्दों में सख्त संदेश है. भारत और चीन के बीच अब तक 5 बार कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है लेकिन चीन अपनी सेना पीछे नहीं कर रहा है.
चालाक चीन की नई शर्त रखते हुए कहा है कि पैंगोंग झील के पास फिंगर 4 से दोनों सेनाएं पीछे हटें. सूत्रों के मुताबिक- भारत ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा कि हम अपने ही क्षेत्र से पीछे क्यों हटें? भारतीय ने चीन से पूर्वी लद्दाख में अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल करने को कहा है.
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