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नई दिल्ली: कोरोना के इस संकट काल में केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है. कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों में काम करने वाले कॉन्ट्रेक्चुअल कर्मचारियों को बड़ी राहत दी गई है. 1 अप्रैल से 30 जून 2021 तक की पूरी सैलरी देने का फैसला लिया गया है. लॉक डाउन (Lockdown) के चलते contractual employees को घरों पर रहना पड़ा था.
केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक ऐसे सभी कांट्रेक्चुअल कर्मचारी जो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान घरों में थे उनको 'ऑन ड्यूटी' माना जाएगा. सभी मंत्रालयों को केंद्र सरकार की तरफ से इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं.
वहीं मंगलवार को केंद्र ने अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकारों को भी एक पत्र भेजा है. इस पत्र में कहा है कि उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव के स्तर पर और अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अनुशंसा करें. ऐसे अधिकारियों के नामों की अनुशंसा नहीं करने के लिए कहा जिनका प्रमोशन होने वाला हो, क्योंकि ऐसे अधिकारियों को जल्द वापस भेजना जरूरी हो जाता है.
कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया, ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल ऐसे अधिकारियों के नाम भेजे जाएं जो केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत पूरे कार्यकाल के लिए मौजूद रहें.’ केंद्रीय कर्मचारी योजना (CSS) के तहत उप सचिव/निदेशक और उसके ऊपर के अधिकारियों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों में नियुक्ति होती है.
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