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नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ 2 महीने से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने कृषि कानूनों के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन करने की घोषणा की थी, लेकिन केंद्र सरकार के एक फैसले की वजह से उन्होंने अनशन का प्लान कैंसिल कर दिया.
अन्ना हजारे (Anna Hazare) द्वारा अनशन टालने के फैसले का कारण सामने आया है और बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति बनाने का फैसला किया है, जो अन्ना हजारे की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत खेती से जुड़े कई मुद्दों पर दिए गए सुझाव पर विचार करेगी.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्ना हजारे (Anna Hazare) शनिवार से अनशन पर बैठने वाले थे, लेकिन केंद्र सरकार ने कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को रालेगण सिद्धि भेजा. दोनों ने अन्ना हजारे से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करने के लिए पैनल बनाएगी. इसके बाद अन्ना हजारे ने शुक्रवार देर रात अनशन रद्द करने की घोषणा कर दी.
रिपोर्ट के अनुसार, इस उच्चस्तरीय समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, कृषि-व्यापार कानून और नीति विशेषज्ञ विजय सरदाना, हरियाणा के एक प्रगतिशील किसान और पद्मश्री से सम्मानित कंवल सिंह चौहान और किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे.