Chandrayaan-3 Mission: चांद की तरफ इसरो (ISRO) का चंद्रयान-3 लगातार बढ़ रहा है. आज चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने अहम पड़ाव पार करते हुए चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश कर लिया है.
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Chandrayaan-3 Latest Update: चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद के और ज्यादा पास पहुंच गया है. चंद्रमा की चौथी कक्षा में चंद्रयान-3 ने एंट्री ले ली है. बता दें कि चांद की ओर जा रहे भारत के मिशन चंद्रयान-3 को आज (14 अगस्त को) पूरा-पूरा एक महीना हो गया है. चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक अपनी मंजिल चंद्रमा की ओर लगातार बढ़ रहा है. चंद्रयान-3 करीब 9 दिन बाद चांद की सतह पर लैंड हो जाएगा. आज का दिन भी चंद्रयान-3 के लिए अहम रहा. चंद्रयान 3 ने आज चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश कर लिया है. पिछले महीने 14 जुलाई को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को चंद्रमा के लिए लॉन्च किया गया था. तब से अब तक चंद्रयान-3 ने कई अहम पड़ावों को पार किया है. आइए जानते हैं कि चंद्रयान-3 का अब तक का सफर कैसा रहा.
चंद्रयान-3 का सफर
बता दें कि 14 जुलाई को चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ था. फिर 15 जुलाई को पहली बार ऑर्बिट बढ़ाई गई. 17 जुलाई को दूसरी बार ऑर्बिट में बढ़ोतरी हुई. इसके बाद 18 और 20 जुलाई को तीसरी और चौथी बार ऑर्बिट की स्पीड बढ़ाई गई. वहीं 25 जुलाई को 5वीं बार फिर ऑर्बिट बढ़ा. जिसके बाद 31 जुलाई और 1 अगस्त की रात को चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर बढ़ गया.
चौथी ऑर्बिट में ली एंट्री
फिर 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. इसके बाद 6 अगस्त को चंद्रयान की कक्षा पहली बार घटाई गई. फिर 6 अगस्त को ही चंद्रयान-3 ने चांद के करीब से फोटोज भेजीं. इसके बाद 9 अगस्त को चंद्रयान-3 की ऑर्बिट दूसरी बार घटाई गई. आज यानी 14 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की चौथी कक्षा में प्रवेश कर गया.
इसरो रचेगा इतिहास
गौरतलब है कि चांद की इस रेस में कई बड़े देश शामिल हैं. रूस ने भी भारत के पीछे-पीछे अपना मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है. भारत और रूस दोनों के मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करना है. चांद के साउथ पोल वाली इस प्रतिस्पर्धा में ये 2 देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इस रेस में है.
सॉफ्ट लैंडिंग में अगर कामयाबी मिली तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद इंडिया ऐसा करने वाला चौथा देश होगा. अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए. वहीं, चीन ने साल 2013 में अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल की थी.