लद्दाख (Ladakh) में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत (India) चीन (China) को सबक सिखाने के लिए रणनीति तैयार करने में लगा है. 59 चीनी ऐप्स पर बैन सहित कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो चीन की आर्थिक कमर तोड़ने में मददगार साबित होंगे.
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नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत (India) चीन (China) को सबक सिखाने के लिए रणनीति तैयार करने में लगा है. 59 चीनी ऐप्स पर बैन सहित कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो चीन की आर्थिक कमर तोड़ने में मददगार साबित होंगे. इस बीच, भारत ने हिंद महासागर (Indian Ocean) क्षेत्र में भी चीन के खिलाफ गठबंधन को आकार देने का काम शुरू कर दिया है.
हालांकि, इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इस गठबंधन में उन देशों को शामिल किया जा सकता है जो दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की दादागिरी का सामना कर रहे हैं. चीन से मुकाबले के लिए भारत की इस पहल से न केवल हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific region) में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि जापान, अमेरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया को भी ताकत मिलने की उम्मीद है.
अटलांटिक या प्रशांत महासागर की तरह हिंद महासागर में सीधा प्रवेश संभव नहीं है. यहां प्रवेश स्ट्रैट ऑफ मलक्का (Strait of Malacca) जैसे स्ट्रैट (जलडमरूमध्य) के माध्यम से होता है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को संकेत देने के लिए भारत मलक्का जलडमरूमध्य के पास युद्धपोत तैनात करके अपनी समुद्री क्षमता का परिचय दे सकता है. दरअसल, चीन मलक्का स्ट्रैट का काफी इस्तेमाल करता है. उसकी आर्थिक एवं ऊर्जा सुरक्षा स्ट्रैट से होकर गुजरने वाले ट्रेड रूट पर बहुत निर्भर करती है.
आपको बता दें कि जलडमरूमध्य या स्ट्रैट एक संकीर्ण जलमार्ग होता है, जो दो बड़े जल निकायों को जोड़ता है. आमतौर पर यह एक ऐसे जलसमूह को संदर्भित करता है जो दो भू-क्षेत्र के बीच स्थित है. इसका उपयोग किसी विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित देशों के बीच समुद्र के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय परिवहन के लिए किया जाता है.
भारत 22 सदस्यीय IORA - इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन का सक्रिय सदस्य रहा है. इस समूह में वे देश शामिल हैं जो हिंद महासागर के साथ सीमा साझा करते हैं और उनके इस क्षेत्र में चीनी जहाजों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने पर अधिक मुखर होने की उम्मीद है.
नई दिल्ली विभिन्न देशों के साथ लगातार संपर्क में है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच हिंद महासागर में जापानियों के साथ समुद्री अभ्यास के लिए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा भी की गई है. दरअसल, 15 जून की हिंसक घटना के बाद से भारत चीन पर विश्वास करने के मूड में बिल्कुल नहीं है. इसलिए वह बीजिंग के मुकाबले के लिए अपनी रणनीति विकसित कर रहा है और हिंद महासागर में चीन विरोधी अन्य देशों को एकजुट कर रहा है.
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि लद्दाख में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद दोनों देशों के बीच बहुत कुछ बदल गया है. भारत अब एक नए नजरिये से चीन को देख रहा है और उसी के अनुरूप रणनीति तैयार कर रहा है. गौरतलब है कि गलवान घाटी रणनीतिक लिहाज से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों तरफ पहाड़ की चोटियों से महत्वपूर्ण दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी Darbuk-Shyok-Daulat Beg Oldi -DSDBO) सड़क नजर आती है, जो सब सेक्टर नॉर्थ (Sub-Sector North -SSN) को लद्दाख के बाकी हिस्सों से जोड़ती है.