गोरखा सैनिकों की बहादुरी से डरा चीन, Indian Army से दूर करने की रच रहा साजिश
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गोरखा सैनिकों की बहादुरी से डरा चीन, Indian Army से दूर करने की रच रहा साजिश

गोरखा (Gorkha) सैनिकों की बहादुरी से चीन (China) डरा हुआ है. चीन की राजदूत हाऊ यांकी ने नेपाल (Nepal) की NGO को गोरखा सैनिकों के बारे में सर्वे करने के लिए 12.7 लाख नेपाली रुपये दिए.

गोरखा सैनिकों की बहादुरी से डरा चीन, Indian Army से दूर करने की रच रहा साजिश

काठमांडू: भारतीय सेना (Indian Army) की शान कहे जाने वाले गोरखा (Gorkha) सैनिकों को लेकर चीन (China) की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. दरअसल चीन नेपाल (Nepal) में सर्वे कर रहा है कि गोरखा सैनिक भारतीय सेना में क्यों शामिल होते हैं. गोरखा सैनिकों की बहादुरी से चीन डरा हुआ है. चीन नेपाल के लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने की एक और साजिश कर रहा है.

चीन ने नेपाल में एक NGO को इस सर्वे के लिए फंड दिया है. चीन की राजदूत हाऊ यांकी ने नेपाल की NGO को गोरखा सैनिकों के बारे में सर्वे करने के लिए 12.7 लाख नेपाली रुपये दिए. सूत्रों के मुताबिक जून के पहले सप्ताह में यांकी ने नेपाल के  NGO को पैसे दिए.

बता दें कि भारतीय सेना में कुल 7 गोरखा रेजिमेंट हैं, जिनमें 28,000 नेपाली नागरिक शामिल हैं. इन 7 रेजिमेंट की 39 बटालियन हैं.

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गौरतलब है कि आजादी से पहले भारतीय सेना में कुल 11 गोरखा रेजिमेंट थीं, जिनमें से चार आजादी के बाद ब्रिटिश सेना में चली गईं. अब भारत के पास पहली, तीसरी, चौथी, पांचवी, आठवीं, नौंवी और ग्यारवीं गोरखा रेजिमेंट है और ब्रिटिश सेना के पास दूसरी, छठी, सातवीं और दसवीं गोरख रेजिमेंट है.

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