आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) का कहना है कि चीन हिमालय क्षेत्र में इकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है. वह हमारे पडोस में भी अपनी पैठ बढा रहा है.
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नई दिल्ली: आर्मी चीफ (Army Chief) जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) ने कहा कि ‘Act East’ नीति अब भारत की विदेश नीति का स्थाई अंग बन चुकी है. इस नीति में हमारे पूर्वोत्तर (North Eastern States) के इलाके गहरी भूमिका निभा रहे हैं. वे असम राइफल्स (Assam Rifles) और यूनाइटेड सर्विसेस इंस्टिटयूशन (USI) की ओर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा हालात चीन (China) के कदमों पर निर्भर करते हैं. क्षेत्र में कमजोर देशों के प्रति दबंगई और इसकी शत्रुता और BRI के जरिए दूसरे देशों से संपर्क की वजह से सुरक्षा हालातों में बदलाव आ रहे हैं. इसके परिणाम स्वरूप चीन और अमेरिका में प्रतिद्वंदिता बढ़ी है. जिसका असर क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ रहा है. आर्मी चीफ ने कहा कि चीन हमारे पड़ोस में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है और साथ ही हिमालय क्षेत्र में इकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की फिराक में है. इससे दोनों देशों के बीच टकराव और आपसी अविश्वास का संकट भी पैदा हुआ है.
आर्मी चीफ (Army Chief) ने कहा कि नेपाल हमारा लांग टर्म पार्टनर रहा है. उसमें चीन ने भारी निवेश किया है. इन दिनों वह राजनीतिक अस्थिरता का शिकार हो रहा है. वहीं भूटान चीन की कोशिशों के प्रति सतर्क है. हमारे बांग्लादेश के साथ संबंध धीरे-धीरे मजबूत हो रहे हैं. दोनों देश मिलकर 1971 में पाकिस्तान पर विजय की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं. इसके बावजूद वहां की सिविल सोसायटी में बढ़ रहा कट्टरवाद चिंता पैदा कर रहा है.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) ने कहा कि पड़ोसी देशों में चल रही गतिविधियों का सीधा असर हमारे पूर्वोत्तर राज्यों के सुरक्षा हालात पर पड़ता है. इसे देखते हुए हमारी पूर्वी कमान पड़ोसी देशों के साथ लगातार तालमेल बना रही है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और आंतरिक कनेक्टिविटी का सीधा संबंध सुरक्षा से है. क्षेत्रीय और आंतरिक संपर्क सुरक्षा से पूरी तरह जुड़ा हुआ है. हमें चीन (China) के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए पूर्वोत्तर में विकास कार्यों को बढ़ाना होगा. पूर्वोत्तर भारत में बन रहे कलादान मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और त्रिपक्षीय राजमार्ग के निर्माण में लागत और समय दोनों बढ़ते जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमें पूर्वोत्तर राज्यों (North Eastern States) में निवेश को बढ़ाना होगा. यदि हम मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय और असम के अधिकतर हिस्सों को देखें तो वहां वे आतंक मुक्त हो चुके हैं. बांग्लादेश और म्यांमार सरकार के सहयोग ने भी आतंकवाद पर लगाम लगाने में मदद की है. आर्मी चीफ ने कहा कि कोरोना महामारी और वर्तमान सुरक्षा माहौल का असर हमारी सरहदों पर सुरक्षा हालातों पर भी पड़ा है. हमारे लिए पूर्वोत्तर भारत पर नए सिरे से ध्यान देना और वहां के सुरक्षा हालात को रिव्यू करना अब और ज्यादा जरूरी हो गया है.
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उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य ( North Eastern States) विविध संस्कृति से भरे हैं. वहां के 9 राज्यों के बॉर्डर आसपास के 5 देशों से लगते हैं. वे राज्य हमारी ‘Act East’ नीति के आधार स्तंभ हैं और उन देशों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने में उनकी अहम भूमिका है. वे राज्य प्राकृतिक संसाधनों से भरे पड़े हैं लेकिन वहां पर विकास अब भी एक बड़ी चुनौती है. पड़ोसी देश की ओर से संरक्षित आतंकवाद, राज्यों के विभाजन के उपजी कड़वाहट और बाकी देश के साथ जुडाव बनाना अब भी बड़ी जरूरत है. आर्मी चीफ ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में तरक्की और विकास का सीधा असर वहां के सुरक्षा हालात पर पड़ता है.
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