Office Of Profit Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में मुश्किलें बढ़ गई हैं. चुनाव आयोग ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा है.
Trending Photos
Jharkhand Office Of Profit Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्या पर संकट के बादल छाने लगे हैं. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में हेंमत सोरेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चुनाव आयोग ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा है.
अवैध खनन से जुड़ा है मामला
आपको बता दें कि ये मामला अवैध खनन मामले से जुड़ा हुआ है. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन पर खुद को एक खनन पट्टा आवंटित करने का आरोप लगा है. बीजेपी ने उनको विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की थी.
Jharkhand Raj Bhawan has received the opinion of Election Commission of India on Chief Minister Hemant Soren on the office of profit matter: Sources
(file pic) pic.twitter.com/8BfduNVR8s
— ANI (@ANI) August 25, 2022
सोरेन की सदस्यता हो सकती है रद्द
निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल को सोरेन की सदस्यता रद्द करना का प्रस्ताव भेज दिया है. इस मामले की जांच चुनाव आयोग ने की. सुनवाई के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री की टीम ने इस बात पर जोर दिया है कि चुनाव कानून के वे प्रावधान मामले में लागू नहीं होते जिनका उल्लंघन करने का आरोप उन पर लगाया गया है.
सोरेन की कानूनी टीम ने दी दलीलें
सोरेन की कानूनी टीम ने 12 अगस्त को चुनाव आयोग के सामने अपनी दलीलें पूरी की थीं, जिसके बाद मामले में याचिकाकर्ता बीजेपी ने जवाब दिया था. दोनों पक्षों ने 18 अगस्त को चुनाव आयोग को अपनी लिखित दलीलें सौंपीं थीं.
ये है कानूनी नियम
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, यदि कोई प्रश्न उठता है कि क्या किसी राज्य के विधानमंडल के सदन का कोई सदस्य किसी अयोग्यता के अधीन हो गया है, तो प्रश्न राज्यपाल को भेजा जाएगा जिसका निर्णय अंतिम होगा. इसके अनुसार ‘इस तरह के किसी भी प्रश्न पर कोई निर्णय देने से पहले, राज्यपाल निर्वाचन आयोग की राय प्राप्त करेंगे और उसकी राय के अनुसार कार्य करेंगे.’
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर