CM Yogi Adityanath: ट्रांसफर सेशन खत्म होने के बाद ग्रुप ए और बी के अफसरों के तबादले की इजाजत मुख्यमंत्री से लेनी पड़ती थी. नए सिस्टम में सभी ग्रुप्स के कर्मियों के लिए अब अनुमति लेनी होगी. माना जा रहा है यह फैसला ट्रांसफर सेशन के दौरान हुई धांधली के बाद लिया गया है.
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UP Transfers: उत्तर प्रदेश में अब बिना मुख्यमंत्री के इजाजत के तबादले नहीं हो सकेंगे. प्रदेश सरकार के सभी विभागों में ग्रुप ए, बी, सी और डी के कर्मचारियों का तबादला भी मुख्यमंत्री की मंजूरी से होगा. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने मंगलवार को इसका शासनादेश जारी किया.
जारी किया गया आदेश
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंगलवार को कार्मिक विभाग के इस शासनादेश को जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि 15 जून को सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले को लेकर नीति जारी की गई थी. इसमें विभागाध्यक्षों को मंत्री की अनुमति से 30 जून तक तबादले का अधिकार दिया गया था.
यह समय सीमा खत्म हो गई है. ट्रांसफर सेशन खत्म होने के बाद अब ग्रुप ए, बी, सी और डी के कर्मचारियों के सभी तरह के ट्रांसफर के लिए मुख्यमंत्री से इजाजत लेनी होगी. इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा.
पहले ग्रुप ए और बी के लिए लेनी होती थी मंजूरी
इसके पहले ट्रांसफर सेशन खत्म होने के बाद ग्रुप ए और बी के अफसरों के तबादले की इजाजत मुख्यमंत्री से लेनी पड़ती थी. नए सिस्टम में सभी ग्रुप्स के कर्मियों के लिए अब अनुमति लेनी होगी. माना जा रहा है यह फैसला ट्रांसफर सेशन के दौरान हुई धांधली के बाद लिया गया है. नई व्यवस्था में तबादले को लेकर होने वाली मनमानी खत्म हो जाएगी. मुख्यमंत्री की इजाजत के बिना कोई भी तबादले नहीं हो सकेंगे.
मंत्री ने भेज दिया था इस्तीफा
जुलाई में, यूपी के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद अपने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) अनिल कुमार पांडे को हटाने और पैसे लेकर ट्रांसफर के मामले में कथित तौर पर शामिल पीडब्ल्यूडी के 5 वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड (सीएम योगी द्वारा) करने पर सवालों के घेरे में आ गए थे. पिछले महीने यूपी के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने भी गवर्नर आनंदीबेन पटेल और गृह मंत्री अमित शाह को ट्रांसफर्स में गड़बड़ी और दलित होने के कारण भेदभाव का आरोप लगाते हुए इस्तीफा भेज दिया था.
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