UP विधान सभा चुनाव कहां से लड़ेंगे CM योगी आदित्यनाथ? खुद दिया ये जवाब
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UP विधान सभा चुनाव कहां से लड़ेंगे CM योगी आदित्यनाथ? खुद दिया ये जवाब

UP Assembly Election 2022: सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पहली बार कोई बयान दिया है. उन्होंने यह भी कहा, 'पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) ने जो कुछ कहा था, उसे साढ़े चार साल में पूरा करके दिखाया है.'

फाइल फोटो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने दीपावली के बाद गोरखपुर में इस सवाल का जवाब दिया है कि अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधान सभा चुनावों में  वह खुद किस सीट से चुनावी समर में उतरेंगे. आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को लेकर पहली बार कोई टिप्पणी की है.

  1. कहां से चुनाव लड़ेंगे CM योगी आदित्यनाथ?
  2. मुख्यमंत्री ने खुद दिया इस सवाल का जवाब
  3. साढ़े चार साल में पूरे किए 2017 के वायदे

मीडिया से बेबाक चर्चा

स्थानीय पत्रकारों के साथ अनौपचाकित मुलाकात में योगी ने कई सवालों को बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने इस दौरान प्रदेश में अपनी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में आए सकारात्मक बदलाव की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा, 'पिछले विधानसभा चुनाव में जो कुछ भी कहा था उसे समय रहते पूरा करके दिखा दिया है. साल 2017 में जब हम सरकार में आए तो कानून व्यवस्था सबसे बदतर स्थिति में थी लेकिन आज हालात बदल चुके हैं, अपराधियों में डर है. साढ़े चार साल में यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ है. यहां की कानून व्यवस्था का उदाहरण देश में दिया जाने लगा है.'

कहां से लड़ेंगे CM योगी?

इस बीच चुनावों में अपनी दावेदारी को लेकर सीएम ने कहा कि पार्टी जहां से कहेगी, वे वहीं से विधान सभा चुनाव लड़ेंगे. इस बात को तय करने के लिए पार्टी का संसदीय बोर्ड है. किसे कहां से चुनाव लड़ना है, इसका निर्णय उसी बोर्ड में ही होता है. उन्होंने कहा कि मैं तो हमेशा चुनाव लड़ा हूं.

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दिवाली आयोजन की वैश्विक चर्चा

उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव का उत्तर प्रदेश का आयोजन वैश्विक मंच पर छा गया. दिवाली तो हमारे आने के पहले से मनाई जाती रही है. प्रयागराज में कुंभ भी पहली बार नहीं हुआ था लेकिन तब यूपी के सामने पहचान का संकट था. अयोध्या के दीपोत्सव, प्रयागराज के भव्य-दिव्य कुंभ जैसे आयोजन, बेहतर कानून व्यवस्था, निवेश और रोजगार के भरपूर अवसरों तथा जन कल्याणकारी योजनाओं और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उनके क्रियान्वयन से हमने उत्तर प्रदेश को पहचान के संकट से मुक्ति दिलाई है.

(एजेंसी इनपुुट के साथ)

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