CM Yogi Government on Madrassa: देश में कथित रूप से कट्टरपन फैलाने की नर्सरी के रूप में चर्चित रहे यूपी के मदरसों पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार की प्लानिंग कामयाब रही तो इन मदरसों की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी.
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NCERT Books in UP Madrassa: देश में अब तक मजहबी कट्टरवाद का प्रतीक रहे मदरसों पर यूपी की योगी सरकार धीरे-धीरे लगाम कसने में लगी हुई है. प्रदेश में मौजूद मदरसों में राष्ट्रगान और रविवार की छुट्टी अनिवार्य करने के बाद अब सरकार एक और बड़ा काम करने जा रही है. प्रदेश सरकार अब इन मदरसों में NCERT का पाठ्यक्रम शुरू करेगी. यानी मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को अपनी दीनी तालीम के साथ एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ना भी अनिवार्य होगा. ऐसा न करने पर मदरसा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी. यूपी के मदरसा शिक्षा बोर्ड (UP Madrassa Board) की बुधवार को लखनऊ में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
मदरसों में होगी NCERT की पढ़ाई
बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद (Dr. Iftikhar Ahmed) ने बताया कि सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त राज्य अनुदानित मदरसों में भी चरणबद्ध तरीके से एनसीईआरटी का सिलेबस (NCERT Books in UP Madrassa) लागू किया जाएगा. बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की तर्ज पर बच्चों को NCERT की किताबें पढ़ाई जाएंगी. यह निर्देश हालांकि पहले भी जारी किया गया था लेकिन उस पर सही तरीके से अमल नहीं हुआ, जिसके चलते अब इस पर सख्ती का फैसला किया गया है.
शिक्षकों की करवाई जाएगी ट्रेनिंग
उन्होंने (Dr. Iftikhar Ahmed) बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की तरह मदरसों में भी सरकार की ओर से किताबें (NCERT Books in UP Madrassa) बांटी जाएंगी. इसके साथ ही अनुदानित मदरसों में छात्र छात्राओं को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से ड्रेस वितरण में आ रही कठिनाइयों को दूर करने का फैसला लिया गया. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि अनुदानित मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उनमें कार्यरत शिक्षकों की बेसिक शिक्षा विभाग से ट्रेनिंग करवाई जाएगी.
बाल आयोग की सिफारिश हुई खारिज
बोर्ड चेयरमैन (Dr. Iftikhar Ahmed) ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों का प्रवेश अन्य विद्यालयों में कराए जाने की सिफारिश की थी. बैठक के दौरान इस सिफारिश को सिरे से खारिज कर दिया गया. साथ ही फैसला लिया गया कि मदरसों की पढ़ाई को ज्यादा लिबरल बनाया जाए, जिससे ज्यादा मात्रा में सभी वर्गों के बच्चे उनमें पढ़ सकें.
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