Elections 2023: चुनावी मोड में आई कांग्रेस, संगठन में किया बड़ा फेरबदल; अजय राय को UP की कमान
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Elections 2023: चुनावी मोड में आई कांग्रेस, संगठन में किया बड़ा फेरबदल; अजय राय को UP की कमान

Assembly Elections 2023: चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने जेपी अग्रवाल की जगह रणदीप सुरजेवाला को प्रभारी महासचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि रघु शर्मा की जगह मुकुल वासनिक को गुजरात का प्रभारी महासचिव बनाया गया है.

Elections 2023: चुनावी मोड में आई कांग्रेस, संगठन में किया बड़ा फेरबदल; अजय राय को UP की कमान

Congress Incharge List: तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को कांग्रेस ने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. कांग्रेस ने कई राज्यों के प्रभारी बदल दिए हैं. कांग्रेस ने बृजलाल खाबरी की जगह अजय राय को यूपी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने जेपी अग्रवाल की जगह रणदीप सुरजेवाला को प्रभारी महासचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि रघु शर्मा की जगह मुकुल वासनिक को गुजरात का प्रभारी महासचिव बनाया गया है.

कौन हैं अजय राय

अजत राय यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में माने जाते हैं. उन्होंने बीजेपी से अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था. अब उनका नाम पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में आता है. उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ साल 2014 और 2019 में वाराणसी से चुनाव लड़ा था. लेकिन दोनों ही बार उनको शिकस्त का मुंह देखना पड़ा. 

अजय राय 5 बार विधायक रह चुके हैं. तीन बार उनको बीजेपी के टिकट पर जीत मिली तो दो बार कांग्रेस के टिकट पर. गौरतलब है कि साल 2009 में अजय राय वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन तब उनको कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था. इसके बाद वह सपा की साइकिल पर बैठ गए. उस समय बीजेपी ने वाराणसी से मुरली मनोहर जोशी को मैदान में उतारा था. जब सपा के टिकट पर अजय राय मैदान में उतरे तो हार का स्वाद चखना पड़ा. 

2009 के चुनाव में मुरली मनोहर जोशी को विजय मिली थी. 2009 के इस लोकसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी भी वाराणसी की सीट से बतौर उम्मीदवार उतरा था. वह दूसरे नंबर पर रहा था. जबकि अजय राय तीसरे पर. जब 2009 का चुनाव खत्म हुआ तो एक बार फिर अजय राय ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. 

वाराणसी में साल 1969 में पैदा हुए अजय राय 1996 से 2009 तक बीजेपी का हिस्सा रहे. 1996 में वह वाराणसी की कोलअसला सीट से विधायक बने. इसके बाद 2009 तक वह इसी सीट पर काबिज रहे. 

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