पंजाब कांग्रेस में अंतरकलह को लेकर बनी पार्टी की 3 सदस्यीय कमेटी ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कलह दूर करने के लिए कई सिफारिशें की गई हैं.
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नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस (Congress) में अंतरकलह को लेकर बनी पार्टी की 3 सदस्यीय कमेटी ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी की 4 पन्नों की रिपोर्ट में कलह दूर करने के लिए कई सिफारिश की गई हैं.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी में कलह दूर करने के लिए पंजाब (Punjab) में चुनाव से पहले संगठन में फेरबदल हो सकता है. इस फेरबदल में प्रदेश में एक नया पार्टी अध्यक्ष और 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. उन्होंने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की कार्यशैली को लेकर भी नाराजगी जताई है. ऐसे में चुनाव में उतरने से पहले संगठन को नए सिरे से चाक-चौबंद करने की संस्तुति की गई है.
सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पंजाब (Punjab) सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है. हालांकि उसने यह जरूर कहा है कि पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सरकार या संगठन में उपयुक्त स्थान दिया जाए.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, समिति ने कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव के समय सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों को जगह देने की पैरवी भी की है. समिति ने रिपोर्ट देने से पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली थी.
इस कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस (Congress) के नेता जेपी अग्रवाल शामिल थे. गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
पिछले कुछ महीने से यह चर्चा चली आ रही है कि सिद्धू सरकार में उप मुख्यमंत्री या फिर संगठन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका चाहते हैं. हालांकि पूर्व क्रिकेटर की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि वह पद के लिए नहीं, बल्कि पंजाब (Punjab) और पंजाबियों के अधिकार की बात करते हैं.
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सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि प्रदेश में सिख समाज से मुख्यमंत्री खुद हैं. ऐसे में डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष भी इसी समाज से बना देने का अच्छा संकेत नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार में हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को अहम जिम्मेदारी देने पर विचार कर सकता है. ऐसे में किसी दलित हिंदू नेता को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. जिससे अगले चुनाव में सामाजिक समीकरणों को साधा जा सके.
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