राष्ट्रपति के भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद Ravneet Singh Bittu का हंगामा, सदन में की नारेबाजी
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राष्ट्रपति के भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद Ravneet Singh Bittu का हंगामा, सदन में की नारेबाजी

कांग्रेस ने बजट सत्र (Budget Session) के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के अभिभाषण का बहिष्कार किया था, लेकिन इसके बावजूद रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) संसद पहुंचे थे.

रवनीत सिंह बिट्टू ने पंजाब के लुधियाना से सांसद हैं.

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद का बजट सत्र (Budget Session) आज (29 जनवरी) से शुरू हो गया. इस दौरान कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) संसद पहुंचे और नारेबाजी की.

  1. अकेले संसद पहुंचे रवनीत सिंह बिट्टू
  2. बिट्टू ने कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया
  3. एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की

सदन में लगाए जय जवान, जय किसान के नारे

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के अभिभाषण के दौरान रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) ने कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का मुद्दा उठाया और जय जवान, जय किसान के नारे लगाए. कांग्रेस की तरफ से अकेले रवनीत सिंह बिट्टू सेंट्रल हॉल पहुंचे थे, क्योंकि कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. थोड़ी देर रवनीत ने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना. इसके बाद खड़े होकर तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून को लेकर के आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि सरकारों को तीनों कानून रद्द करने चाहिए और एमएसपी गारंटी कानून बनाना चाहिए उसके बाद वह सदन से बाहर निकल गए.

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कौन हैं रवनीत सिंह बिट्टू?

रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और कांग्रेस नेता हैं. साल 2019 के लोक सभा चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू ने पंजाब के लुधियाना से जीत हासिल की थी. 10 सितंबर, 1975 को लुधियाना जिले के कोटला अफ़गान गांव में जन्मे रवनीत सिंह बिट्टू ने 12वीं पढ़ाई की है.

किसान हिंसा के लिए खालिस्तान को बताया जिम्मेदार

इससे पहले रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) ने किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा के लिए सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े खालिस्तानियों को जिम्मेदार बताया था. उन्होंने दावा किया था, 'हिंसा के लिए SFJ ने किसान संगठनों में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की. दीप सिद्धू (Deep Sidhu) के नेतृत्व में SFJ के लोगों ने 25 जनवरी देर रात दिल्ली में किसानों के स्टेज पर कब्जा कर लिया. उसी दौरान यह कर कर लिया गया कि मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर झंडा फहराया जाएगा.'

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