INDIA Alliance: नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने का भी फैसला किया, फिर बताया गया कि इस पर परामर्श करने के बाद फैसला होगा. लेकिन अंदर की कहानी कुछ और है क्योंकि कुछ पार्टियों के प्रतिनिधि ही बैठक में मौजूद नहीं थे.
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Mallikarjun Kharge: आखिरकार विपक्षी गठबंधन इंडिया की गेंद कांग्रेस के पाले में ही आकर गिर गई. कांग्रेस प्रमुख खरगे को ही विपक्षी गठबंधन का अध्यक्ष बनाए जाने पर सहमति बन गई है. असल में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर शनिवार को आखिरी मुहर लग गई. इसका कयास लंबे समय से लगाया जा रहा था. विपक्षी दलों के नेताओं ने वर्चुअल बैठक की और गठबंधन के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की है. लेकिन इस बैठक के बाद यह भी सामने आया कि नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से मना कर दिया है. इसका कारण तो नहीं बताया गया सिर्फ इतना बताया गया कि बैठक में कुछ पार्टियों के प्रतिनिधि नहीं मौजूद थे.
क्यों नहीं हुआ नीतीश पर फैसला?
दरअसल, बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और समाजवादी पार्टी के नेता बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों के मुताबिक, खरगे को ‘इंडिया’ का अध्यक्ष बनाने पर आम सहमति बनी है. हालांकि अभी भी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के संबंध में आधिकारिक घोषणा का इंतजार है. सूत्रों ने यह भी कहा कि नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल अध्यक्ष नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने का भी फैसला किया, लेकिन अंतिम फैसला उन पार्टियों से परामर्श करने के बाद लिया जाएगा, जिनके प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार खुद इस पद के लिए इच्छुक नहीं दिखाई दिए हैं. इसका कारण क्या है, यह तो नीतीश कुमार ही बता पाएंगे.
बैठक में क्या-क्या हुआ?
लोकसभा चुनाव में बीजेपी से लड़ने के लिए इंडिया गठबंधन में वैसे तो 28 विपक्षी दल एक साथ आए हैं, लेकिन इस बैठक में सिर्फ 10 दल ही शामिल हुए हैं. एक और खास बात इस बैठक में निकलकर सामने आई है कि सीताराम येचुरी और गठबंधन के अन्य नेताओं ने बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा लेकिन नीतीश कुमार ने इसके लिए लालू यादव के नाम की पैरवी कर दी. इसके बाद सब चौंक गए. उन्होंने यह भी कहा कि लालू जी सबसे सीनियर हैं. उन्हें गठबंधन का संयोजक बनाया जाना चाहिए. उन्होंने साफ कहा कि मैं संयोजक नहीं बनना चाहता हूं.
अब आगे क्या?
फिर इसके बाद विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते गठबंधन का चेयरमैन कांग्रेस के नेता को बनाया गया. इस बैठक का नतीजा तो सबके सामने है. फिलहाल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग से लेकर घोषणा पत्र तैयार करने पर काम तेज कर दिया है. अभी दो दिन पहले ही पार्टी हाईकमान ने सीट शेयरिंग को लेकर एक बड़ी बैठक की थे. इसमें नेताओं से चर्चा की और 255 सीटों पर चुनाव लड़ने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है. इस पर जल्द ही ऐलान हो सकते हैं. अब देखना है कि आगे क्या हो पाता है.