कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. दुनिया भर में इससे अब तक 52 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
Trending Photos
कराची: कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. दुनिया भर में इससे अब तक 52 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. चीन के वुहान से निकले के इस वायरस की रोकथाम के लिए हर देश अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. भारत सहित कुछ देशों ने लॉकडाउन का सहारा लिया है, जो मौजूदा वक्त में सबसे ज़रूरी है. क्योंकि वायरस की रफ़्तार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र रास्ता है. लेकिन हमारा पड़ोसी एक अलग ही कहानी गढ़ने में व्यस्त है. वो यह साबित करना चाहता है कि कोरोना का जनक चीन नहीं बल्कि पश्चिमी देश हैं. पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री अब्दुल्ला हुसैन हारून का कहना है कि कोरोना वायरस संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों की सरकारों द्वारा वैज्ञानिक रूप से विकसित किया गया है, ताकि तेजी से उभरते चीन को रोका जा सके. यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान चीन की दया पर जीवित है, लेकिन ऐसे वक्त में जब कोरोना रूपी महामारी उसके अपने लोगों को भी लील रही है, स्वामी भक्ति का यह प्रदर्शन समझ से परे है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान में कोरोनो वायरस के 2000 से अधिक सक्रिय मामले सामने आये हैं, मगर इमरान सरकार लॉकडाउन जैसे फैसले लेने से बच रही है. इसके उलट वह कोरोना के दोष को चीन से हटाकर पश्चिमी देशों पर मढ़ने की साजिश को परवान चढ़ा रही है. हारून की तरह पाकिस्तान के वैज्ञानिक अत्ता उर रहमान का भी मानना है कि कोरोना अमेरिका की देन है. उनके मुताबिक, वायरस संयुक्त राज्य की लैब से बाहर निकला है और इसमें ब्रिटेन की किसी प्रयोगशाला के शामिल होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता. डॉ. रहमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संयुक्त राष्ट्र समिति में सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.
कोरोना वायरस से मौत की बात करें, तो पाकिस्तान में अब तक ऐसे 31 मामले सामने आये हैं. जिस तरह से यह वायरस फैल रहा है, उसे देखते हुए यह आंकड़ा बढ़ सकता है. इसके बावजूद इमरान खान सरकार कारगर कदम उठाने और चीन से सवाल-जवाब करने के बजाये इस साजिश में लगी है कि किसी तरह कोरोना के लिए पश्चिमी देशों को कुसूरवार ठहराया जाए.
...यहां ना-पाक हरकतें
ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया कोरोना के खौफ का सामना कर रही है. पाकिस्तानी अदालतें ख़ामोशी से आतंकवादियों को बरी करने में जुट गई हैं. सिंध हाईकोर्ट ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में दोषी करार दिए गए मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को सात साल जेल में बदल दिया है. जबकि तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है. चूंकि उमर पिछले 18 सालों से जेल में लिहाजा उसे भी जल्द रिहा कर दिया जाएगा. पर्ल वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार थे और कराची में इस्लामी आतंकवादी और उनके 9/11 से रिश्तों पर शोध कर रहे थे. 2002 में आतंकवादियों ने अपहरण के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया था.
LIVE TV