Coronavirus की रफ्तार बेकाबू हुई तो फिर खुला कोविड सेंटर, बैंक्वेट हॉल में इस तरह हो रहा इलाज
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Coronavirus की रफ्तार बेकाबू हुई तो फिर खुला कोविड सेंटर, बैंक्वेट हॉल में इस तरह हो रहा इलाज

Covid Center Reopen Delhi: लोकनायक अस्पताल (LNJP Hospital) के पास शहनाई बैंक्वेट को एक बार फिर कोविड केयर सेंटर में बदल दिया गया है और यहां मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है. दो दिन पहले दोबारा खुले इस सेंटर में अब तक 46 मरीज भर्ती हो चुके हैं. इस सेंटर की कुल क्षमता 100 है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामलों की रफ्तार इतनी तेज है जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है. हर बीतते दिन के साथ हालात बिगड़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल ना हो जाए इसलिए एक बार फिर से कोविड-19 केयर सेंटर (Covid-19 Care Center) शुरू कर दिया गया है. लोकनायक अस्पताल (LNJP Hospital) के पास शहनाई बैंक्वेट को एक बार फिर कोविड केयर सेंटर में बदल दिया गया है और यहां मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है. दो दिन पहले दोबारा खुले इस सेंटर में अब तक 46 मरीज भर्ती हो चुके हैं. इस सेंटर की कुल क्षमता 100 है. 

  1. दिल्ली में फिर खुला कोरोना सेंटर
  2. बैंक्वेट हॉल में फिर शुरू हुआ इलाज
  3. एक बार में 100 मरीजों की व्यवस्था

रेफर होने का इंतजाम

रिओपन हुए इस कोविड सेंटर में माइल्ड से मॉडरेट कंडीशन वाले मरीजों का इलाज हो सकता है. वहीं अगर किसी मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ी है तो उसे अस्पताल में शिफ्ट करने की तैयारी भी यहां की गई है. कांच के दरवाजे से रिश्तेदार अपने मरीज को देख सकें इसीलिए ग्लासडोर को एयर टाइट तकनीक के साथ बंद किया गया है.

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इस कोविड सेंटर में नाश्ते से लेकर लंच, डिनर और स्नैक्स इनहाउस ही दिया जा रहा है. मरीजों के लिए टीवी और एंटरटेनमेंट की सुविधा भी है ताकि उनकी मेंटल हेल्थ भी सही रह सके. 

LNJP हॉस्पिटल का हाल

उधर, दिल्ली के लोकनायक (LNJP) अस्पताल के बाहर कोरोना संक्रमित मरीजों के रिश्तेदारों की लंबी लाइन एक बार फिर लगना शुरू हो गई है. कोई अपने मरीज से बात कर उसका हालचाल जाना चाहता है तो कोई अपने मरीज के लिए खाना और बाकी जरूरी सामान लेकर आया है. इंतजार करने वाले रिश्तेदारों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें अपने मरीज के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. वहीं ज्यादातर लोगों ने बताया कि अस्पताल में जिस तरह से इलाज चल रहा है उसकी व्यवस्था से वो संतुष्ट हैं.

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