नई दिल्‍ली : जम्‍मू-कश्‍मीर में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में अपने 44 जवानों (रॉयटर्स के अनुसार) को खोने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में आतंकियों और उसके पनहगारों के प्रति कितनी नाराजगी है, इसका अंदाजा शुक्रवार को उसकी तरफ से आई प्रतिक्रिया से साफ जाहिर हो गया. बल ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि 'न भूलेंगे और ना ही माफ करेंगे'. 


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बल ने ट्विटर पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'हम न भूलेंगे, ना ही माफ करेंगे. हम पुलवामा हमले में शहीद हुए अपने जवानों को सलाम करते हैं और शहीद भाईयों के परिवार के साथ खड़े हैं. इस जघन्य हमले का बदला लिया जाएगा'.


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स्‍क्रीनग्रैब (@crpfindia)

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में कहा गया कि भारत, पाकिस्तान के मंसूबों को कभी भी कामयाब होने नहीं देगा. 


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पीएम ने कहा कि 'पुलवामा में वीर शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए सुरक्षाबलों को पूरी आजादी दे दी गई है. हमले से पूरे देश में आक्रोश है, इस समय लोगों का खून खौल रहा है, लेकिन देश की जनता को सेना के शौर्य पर पूरा भरोसा है'.



प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'गुनहगारों को उनके किए की सजा अवश्य मिलेगी. भारत आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई को और भी तेज करेगा. मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़ी गलती कर गए हैं'.


गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 44 जवान (रॉयटर्स के अनुसार)  शहीद हो गए.


केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया. श्रीनगर से लगभग 20 किलोमीटर दूर पुलवामा के इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.