Corona BF.7 Variant: कोरोना को लेकर चीन की लापरवाही... दुनिया पर फिर पड़ी भारी, यूं पकड़ी गई चीन की चोरी
Advertisement
trendingNow11497674

Corona BF.7 Variant: कोरोना को लेकर चीन की लापरवाही... दुनिया पर फिर पड़ी भारी, यूं पकड़ी गई चीन की चोरी

Corona Returns: कोरोना के नए वैरिएंट की भारत में एंट्री के बाद वैक्सीन की बूस्टर डोज़ के लिए रजिस्ट्रेशन में उछाल देखने को मिला है. गुरुवार को 50 हजार से ज्यादा लोगों ने बूस्टर शॉट लिया. वहीं 22 नवंबर के बाद सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन गुरुवार को हुए. इस बीच चीन की चोरी एक बार फिर पकड़ी गई है.

फाइल

Coronavirus returns: कोरोनावायरस (Coronavirus) की नई लहर से भारत (India) को वैक्सीनेशन प्रोग्राम ने बचा कर रखा हुआ है. भारत में 90% से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. इसी वजह से कोरोना वायरस के प्रकोप का असर भारत में फिलहाल नज़र नहीं आ रहा है. आंकड़ों की बात करें तो भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना के 163 नए मरीज सामने आए हैं. देश में कोरोना के फिलहाल 3600 मरीज हैं. इसके बावजूद चीन से निकले कोरोनावायरस से जिस तरह पूरी दुनिया में एक बार तबाही हो चुकी है उसके बाद भारत सरकार कोई खतरा मोल लेने के मूड में नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कोरोनावायरस की बीमारी और भारत की तैयारियों की समीक्षा की है. हालांकि चीन को कोरोना से निपटने के लिए पटरी पर लाने के लिए WHO ने भी चेतावनी दे दी है. 

ज़ीरो कोविड पॉलिसी का नतीजा ज़ीरो

आप भी जानना चाहते होंगे कि चीन में आखिर ऐसा क्या हुआ कि ज़ीरो कोविड पॉलिसी एकदम ज़ीरो साबित हो रही है. कई शहरों में लॉकडाउन लागू करने के बाद भी चीन में कोरोनावायरस एक बार फिर कोहराम मचा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक फिलहाल दुनिया में जिस तरह से महामारी का वायरस दोबारा फैल रहा है उसकी जिम्मेदारी चीन की है. WHO का कहना है कि चीन ने अपना वैक्सीनेशन कार्यक्रम ईमानदारी से नहीं चलाया. चीन में बहुत से लोगों ने वैक्सीन की पूरी डोज़ ही नहीं ली है. WHO ने चीन को चेतावनी दी है कि वो वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर गंभीर हो जाए. 

पकड़ी गई चीन की चोरी

चीन में कोरोना के बेकाबू होने की बड़ी वजह इसी को माना जा रहा है कि लोगों ने वैक्सीनेशन का शेड्यूल पूरा नहीं किया है. वहीं दूसरी ओर भारत में कई एक्सपर्ट्स चीन की वैक्सीन की क्वालिटी पर भी शक जता रहे हैं. भारत की वैक्सीन ने ये साबित किया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से भारत को बचाने में वैक्सीन ने ही बड़ा रोल निभाया है, क्योंकि जब तक ओमिक्रोन आया तब तक भारत की बड़ी आबादी टीका लगवा चुकी थी. चीन ने कोरोना से बेकाबू हुए हालातों को दुनिया से छिपाया और चीन से बाहर इसका प्रसार रोकने में सही कदम नहीं उठाए जो उसे उठाने चाहिए थे.  

इसीलिए अब एक बार फिर भारत सरकार कोरोना के नए वेरिएंट्स से खुद को बचाए रखने के लिए बार बार बूस्टर डोज़ पर जोर दे रही है. सरकार कोविड के कहर से बचने के लिए दो तरफा पॉलिसी पर काम कर रही है. पहला वैक्सीनेशन और दूसरा  कोरोना के वेरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग. ऐसे में आज आपको दोनों के बारे में जानना चाहिए. 

क्या चीन वाले वेरिएंट BF 7 से है डरने की जरुरत?

पूरी दुनिया में इस वक्त 5 कोरोना वेरिएंट ऑफ कंर्सन हैं. यानी वो कोविड वेरिएंट जो खतरनाक हो सकते हैं  (अल्फा, बीटा,डेल्टा, गामा और ओमीक्रोन). इसके अलावा  2 वेरिएंट ऑफ इंटरस्ट पाए गए हैं. (लाम्बडा (lambda) और MU .  यानी कुल 7 वेरिएंट. इन 7 वेरिएंट्स के हज़ारों जीनोम तकरीबन 91 हज़ार 315 और उनके 409 लीनिएज भारत में पाए गए हैं. 

जिस BF 7 वेरिएंट को लेकर फिलहाल खतरा जताया जा रहा है जो चीन में तबाही का कारण बन रहा है वो भी ओमिक्रोन का ही वेरिएंट हैं. और ये वेरिएंट अक्टूबर 2022 से भारत में मौजूद हैं. भारत में इस वक्त सबसे ज्यादा कोविड केस ओमिक्रोन वेरिएंट के हैं. भारत में कोरोना वेरिएंट की जीनोम सिक्वेंसिंग करने वाली टीम सीएसआईआर के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ राजेश पांडे के मुताबिक अगर भारत की बड़ी आबादी वैक्सीनेटिड ना होती तो ओमिक्रोन का ये वेरिएंट BF 7 खतरनाक साबित होता. लेकिन अब खतरा उतना बड़ा नहीं हैं. डॉ पांडे का कहना है कि चीन में वैक्सीनेशन का स्टैंडर्ड भारत के मुकाबले काफी कम है. भारतीय वैक्सीन काफी असरदार हैं जो BF 7 के खिलाफ कारगर साबित हो रही हैं.

 

दूसरी बूस्टर डोज़ की जरुरत पर चल रही है स्टडी 

कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार और एक्सपर्ट्स सलाह दे रहे हैं कि अगर आपने अभी तक बूस्टर डोज़ नहीं लगवाई है तो फौरन लगवा लें. जिन लोगों ने बूस्टर डोज़ लगवा ली है उन लोगों में  कितनी एंटीबॉडीज़ बाकी हैं, उसकी स्टडी की जा रही है. जिन लोगों ने बूस्टर डोज़ नहीं लगवाई है उनकी एंटीबॉडीज़ का स्तर क्या है,  इस पर भी स्टडी चल रही है. दोनों की तुलना करके ये तय किया जाएगा कि क्या बूस्टर डोज को रिपीट करने की जरुरत है या नहीं है. शरीर में कोरोनावायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन ने जो हथियार तैयार किए हैं उसे एंटीबॉडीज़ कहा जाता है. ये एंटीबॉडी कोरोना का संक्रमण होने के बाद भी तैयार होती हैं.

एंटीबॉडी कितने समय तक शरीर में बाकी रहेंगी और कब तक वायरस के खिलाफ कारगर होंगी, इसका समय समय पर आंकलन किया जा रहा है. कुछ स्टडीज़ के मुताबिक वैक्सीन से मिलने वाली एंटीबॉडी 6 से 9 महीने तक कारगर रहती हैं. ऐसे में क्या हर साल कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज़ की ज़रुरत पड़ेगी? क्या हर उम्र के लोगों को Booster dose की जरुरत होती है? इस पर जल्द ही गाइडलाइंस आ सकती है. 

 

कोरोना की प्राइमरी डोज़ के दोनों वैक्सीनेशन होने के 9 महीने के बाद बूस्टर डोज़ लगवाई जा सकती है. 18 साल से उपर का कोई भी व्यक्ति बूस्टर लगवा सकता है. अगर हाल ही में कोरोना हुआ है तो रिकवरी के तीन महीने के बाद बूस्टर डोज़ लगवाई जा सकती है.

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news