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नई दिल्ली: देश के उन करोड़ों मां-बाप के लिए खुशखबरी है, जो अपने बच्चों को कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने का इंतजार कर रहे हैं. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के तहत काम करने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) को 2 से 18 साल तक के बच्चों पर इस्तेमाल करने की सिफारिश कर दी है.
अब बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने पर आखिरी फैसला ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को करना है. हमें पता चला है कि डीसीजीआई ने ये सिफारिश करते हुए चार शर्तें लगाई हैं.
पहली शर्त- वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया लगातार जारी रखी जाए.
दूसरी शर्त- वैक्सीन की जानकारी में ये भी जोड़ा जाए कि इसका बच्चों पर क्या प्रभाव होगा.
तीसरी शर्त- बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने के बाद हर 15 दिन में कोवैक्सीन (Covaxin) की सुरक्षा और साइड इफेक्टस का डाटा इकट्ठा किया जाए.
चौथी शर्त- ये है कि वैक्सीन निर्माता कंपनी रिस्क मैनेजमेंट प्लान के बारे में बताए. यानी अगर इसके साइड इफेक्ट हुए तो ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए. इसकी जानकारी कंपनी को देनी होगी.
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अब इस सिफारिश को डीसीजीआई (DCGI) के पास फाइनल मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और उसके बाद ही बच्चों को ये वैक्सीन लगाई जा सकेगी. हालांकि बच्चों को ये वैक्सीन लगाने की मानक प्रक्रिया क्या होगी. ये अभी तय किया जाना बाकी है. भारत सरकार की एक कमेटी इस पर काम कर रही है.
उम्मीद है कि पहले 12 से 18 वर्ष के बच्चों और कमजोर इम्युनिटी (Immunity) वाले बच्चों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके अलावा ये भी तय किया जाएगा कि हर बच्चे को वैक्सीन लगाने की जरुरत है भी या नहीं. मई से सितंबर के महीने के बीच भारत में बच्चों पर कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल किए गए हैं. उसके बाद अक्टूबर में इसका डेटा डीसीजीआई के पास जमा कराया गया.
कोवैक्सीन (Covaxin) के अलावा जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की Vaccine Zaycov-D को भी 12 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए मंजूरी मिल चुकी है. ये वैक्सीन तीन डोज में लगेगी, जो सिरिंज की जगह Jet Injector से लगाई जाएगी. इससे इंजेक्शन लगने के बाद ना के बराबर दर्द होता है. हमें पता चला है कि Zaycov- D की कीमत को लेकर सरकार और कंपनी के बीच बातचीत चल रही है. दुनिया के कई बड़े देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के ज्यादतर देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. अमेरिका में 12 साल से ऊपर के बच्चों को फाइजर (Pfizer) कंपनी की वैक्सीन लगाई जा रही है, जबकि ब्रिटेन और यूरोप में 18 से कम उम्र के बच्चों को Moderna और Pfizer की वैक्सीन लग रही है. यानी अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत में भी बच्चों के लिए जल्द ही एक नहीं बल्कि वैक्सीन के दो-दो विकल्प मौजूद होंगे.
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