कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
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नई दिल्ली: दिवाली से ठीक पहले दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया है. कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
राजधानी में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में पटाखों को बैन कर दिया गया है. यह बैन पटाखे खरीदने-बेचने और चलाने पर होगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक दीवाली पर किसी भी तरह के पटाखे नहीं चलाए जाएंगे. ग्रीन और सामान्य दोनों ही तरह के पटाखों पर बैन लगा दिया गया है.
बता दें कि गुरुवार को दिल्ली सरकार ने कोरोना, वायु प्रदूषण और पटाखों को लेकर रिव्यू मीटिंग की थी जिसमें पटाखों पर बैन लगाने का फैसला लिया गया.
Reviewed corona situation in Del n preparedness wid Chief Secy, Health officials and all DMs. Corona cases hv increased due to festival season n pollution. It was decided to
1. Ban crackers in Del
2. Ramp up medical infra, Oxy n ICU beds are being increased in Del govt hospis
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 5, 2020
पश्चिम बंगाल में भी बैन हुए पटाखे
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी पटाखों पर रोक लगा दी गई है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को बंगाल में न सिर्फ दिवाली बल्कि काली पूजा, कार्तिक पूजा और छठ पूजा के दौरान पटाखे चलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. राज्य में पटाखों की खरीद-बिक्री पर भी रोक रहेगी. गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजीव बंद्योपाध्याय और अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. याचिका में कहा गया था कि पटाखे चलाने से फैलने वाले प्रदूषण से कोरोना के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ की समस्या बढ़ सकती है.
बढ़ते प्रदूषण पर NGT की सख्ती
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने 14 राज्यों से पूछा था कि हवा के खराब स्तर को देखते हुए क्या 7 से 30 नवंबर तक पटाखे बैन किए जा सकते हैं? एनजीटी को इसपर फैसला लेना है कि जिन राज्यों में हवा का स्तर 'खराब' की कैटेगरी में पहुंच चुका है क्या वहां पटाखे बैन कर देने चाहिए? सभी राज्यों को जवाब देने के लिए 6 नवंबर शाम 4 बजे तक का समय दिया गया है. ये फैसला 6 नवंबर को आ सकता है. जिन राज्यों में हवा का स्तर मॉडरेट है वो राज्य पटाखे जलाने की इजाजत मांग रहे हैं. असम ने इस मामले में एनजीटी को अपना जवाब सौंप दिया है.
दिल्ली सरकार ने भी एनजीटी में जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का वक्त मांगा था इसीलिए 5 नवंबर की शाम मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दिल्ली में पटाखे बैन करने का फैसला कर लिया. राजधानी दिल्ली में अब किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. इससे पहले दिल्ली में ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत थी लेकिन अब वो भी नहीं बेचे जा सकेंगे.
केजरीवाल के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले की आलोचना की है.
दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर और सबसे प्रदूषित नदियां
साल भर लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर जनता
लेकिन देश में सरकारों, न्यायालयों, मीडिया और NGOs के पास पॉल्युशन कम करने के नाम पर एक ही ड्रामा :
दीवाली पर पटाखे बंद कर दो और होली पर पानी मत खेलो
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 5, 2020
याद दिला दें कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण की हालत देखते हुए ग्रीन पटाखों को ही बेचने की इजाजत दी थी. 2019 में भी केवल ग्रीन पटाखों की ही बिक्री हुई थी. पटाखे चलाने का समय भी रात 8 से 10 के बीच तय किया गया था.
हालांकि पटाखे चलाने को लेकर नियम कुछ नहीं कह रहे थे. लिहाजा दिल्ली में हर साल इन नियमों की उल्लंघन भी हुआ. लेकिन इस वर्ष सरकार को पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाने के बाद व्यापारियों का विरोध झेलना पड़ सकता है.
93 फैक्टरियों के पास पटाखे बनाने का लाइसेंस था और इन्हीं के पटाखे दिल्ली के बाजार में बिक रहे थे. इससे पहले दिल्ली सरकार ने शहर में 824 से ज्यादा खुली जगहों की एक सूची जारी की थी, जहां लोग दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखे चला सकेंगे. व्यापारियों को इस फैसले से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में विरोध हो सकता है.
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