लद्दाख में हुई घटना के बाद से देश में चीन के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश है, लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार कर रखा है, सरकार ने भी कई चीनी मोबाइल ऐप्स पर बैन लगा दिया है. चीन के खिलाफ आम लोगों में नहीं बल्कि अदालतों में भी जबर्दस्त गुस्सा है.
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नई दिल्ली: लद्दाख में हुई घटना के बाद से देश में चीन के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश है, लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार कर रखा है, सरकार ने भी कई चीनी मोबाइल ऐप्स पर बैन लगा दिया है. चीन के खिलाफ आम लोगों में नहीं बल्कि अदालतों में भी जबर्दस्त गुस्सा है. दिल्ली की एक जिला अदालत के जज ने एक वकील को चाइनीज ऐप का इस्तेमाल करने पर फटकार लगा दी.
ये मामला है दिल्ली की कड़कड़डूमा जिला अदालत का, जहां NDPS कोर्ट के स्पेशल जज, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सुनील चौधरी की कोर्ट में एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. हालाकि कोरोना संकट को देखते हुए ये सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी. जहां वकील जज के सामने बहस करते हैं और अपनी याचिकाएं और दस्तावेज ऑनलाइन ही फाइल करते हैं.
जज सुनील चौधरी के सामने जब एक आरोपी की जमानत याचिका आई तो उन्होंने देखा कि ऑनलाइन दाखिल किए गए सभी दस्तावेज कैम स्कैनर (CamScanner) नाम के मोबाइल ऐप से स्कैन किए गए हैं. कैम स्कैनर एक चाइनीज ऐप है, जिस पर भारत सरकार रोक लगा चुकी है. जज सुनील चौधरी ने जैसे ही दस्तावेज देखा तो वकील को तुरंत इसका इस्तेमाल बंद करने के लिए कहा. जज ने जमानत याचिका की सुनवाई के बाद इस बात को अपने आदेश में लिखा भी कि आगे से वकील इस ऐप का इस्तेमाल कतई नहीं करें.
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आपको बता दें कि भारत सरकार ने जून में 59 चाइनीज ऐप को बैन किया था, जिसमें टिकटॉक भी शामिल है. इसके बाद जुलाई में भी सरकार ने 47 ऐप्स को बंद किया जो इन चाइनीज ऐप्स के क्लोन के रूप में काम कर रहे थे. अब सरकार की नजर और 250 से ज्यादा दूसरे ऐप्स पर भी है. इन्हें अभी जांच के घेरे में रखा गया है. इनमें शाओमी के 14 ऐप्स के अलावा PUBG, Resso और ULike जैसे कई और ऐप्स भी शामिल हैं.
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