नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव ( Delhi Assembly Election Result 2020) में आम आदमी पार्टी (AAP) को प्रचंड जीत मिली है. आम आदमी पार्टी 54 सीटों को अपनी झोली में डाल चुकी है और 8 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कुल 62 सीटें पार्टी के खाते में जा रही हैं. वहीं, बीजेपी 6 सीटें जीत चुकी है और 2 पर बढ़त हुए है. इस तरह से बीजेपी के हाथ केवल 8 सीटें लगी हैं. चुनाव जीतकर दिल्ली की जनता के सामने पहुंचे अरविंद केजरीवाल
(Arvind Kejriwal)
ने भारत माता की जय का नारा लगाया. वंदे मातरम का भी नारा लगाया. आम आदमी पार्टी को मिली प्रचंड जीत की वजहों पर एक नजर: 


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1. जमीनी स्तर पर तैयारी
आम आदमी पार्टी चुनाव से बहुत पहले एक्टिव हो गई थी. जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को लगाया. बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत आखिरी वक्त में झोंकी जबकि आम आदमी पार्टी ने क्रमबद्ध तरीके से अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम दिया. नतीजा यह रहा कि पार्टी को बंपर जीत मिली है. पार्टी मतदाताओं को समझाने में कामयाब रही कि उसने विकास किया है. इसके अलावा, पार्टी की 'फ्री पॉलिटिक्स' ने भी अपना कमाल दिखाया. फ्री पानी, फ्री बिजली के बाद फ्री बस यात्रा निर्णायक साबित हुई. 


2. सकारात्मक प्रचार: 
बीजेपी का चुनाव प्रचार जहां पूरी तरह से नकारात्मक रहा, वहीं आम आदमी पार्टी का प्रचार पूरी तरह से सकारात्मक रहा. इस बार पॉजिटिव कैंपेन जीत गया और नेगेटिव चुनाव प्रचार हार गया. पार्टी ने पूरे प्रचार के दौरान केवल शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी और विकास के नाम पर वोट मांगे. पार्टी के नेताओं ने विवादित बयान, छींटाकशी से दूरी बनाए रखी. AAP ने रणनीतिक ताना-बाना कुछ इस तरह बुना कि यह चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल नहीं बन पाया. केजरीवाल ने भी पीएम मोदी को लेकर कोई बयान नहीं दिया. इस रणनीति का फायदा भी पार्टी को चुनाव में मिला. 


3. स्थानीय मुद्दे पर जोर:
बीजेपी नेताओं ने जहां धारा 370, नागरिकता कानून जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर ही पूरा चुनाव लड़ा, वहीं इसके उलट आम आदमी पार्टी का पूरा जोर स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित रहा. पार्टी के नेताओं ने अपनी रैलियों में स्थानीय मुद्दों को उठाया और बीजेपी नेताओं को उन पर चर्चा करने की चुनौती दी. स्थानीय मुद्दों को उठाने का लाभ आम आदमी पार्टी को मिला. जनता ने उनसे जुड़ाव महसूस किया. इसके उलट बीजेपी को इसका नुकसान उठाना पड़ा. 



4. शाहीन बाग से दूरी:
दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा बीजेपी ने बड़े जोर शोर से उठाया. ऐसा लगता है कि बीजेपी ने अपना पूरा चुनाव लड़ा इसी मुद्दे पर लड़ा. बीजेपी के स्थानीय नेताओं से लेकर शीर्ष नेताओं पर अपनी हर रैली में शाहीन बाग का मुद्दा उठाया, वहीं आम आदमी पार्टी ने इससे उचित दूरी बनाई. केजरीवाल ने बहुत ही सधे अंदाज में इस पूरे मुद्दे पर बयानबाजी की. केजरीवाल शाहीन बाग भी नहीं गए. हां, उन्होंने यह जरूर कहा कि सड़क पर प्रदर्शन गलत है. केंद्र सरकार को जल्द से जल्द सड़क खुलवानी चाहिए. ऐसी सधी बयानबाजी करके केजरीवाल ने हिंदू वोटर्स को नाराज होने का मौका नहीं दिया. 


5. सोशल मीडिया पर हावी
सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हावी रही. पार्टी की सोशल मीडिया टीम ने रचनात्मक अंदाज में अपनी बात को मतदाताओं के सामने रखा. चाहे वह बात पार्टी की योजनाओं के प्रचार-प्रसार की हो, या फिर बीजेपी नेताओं द्वारा किए गए दावों की हकीकत की हो, आप की सोशल मीडिया टीम ने अपना कमाल दिखाया.