रेजिडेंट डॉक्टरों को 3 महीने से नहीं मिली सैलरी, DMA ने गृहमंत्री से की ये मांग
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रेजिडेंट डॉक्टरों को 3 महीने से नहीं मिली सैलरी, DMA ने गृहमंत्री से की ये मांग

एनडीएमसी के 450 बिस्तर वाले कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को अधिकारियों द्वारा तीन महीने का वेतन जारी न करने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी.

बाईं तरफ DMA का प्रतीक चिंह और दाईं तरफ अमित शाह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से कस्तूरबा अस्पताल और हिंदू राव अस्पताल सहित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं होने के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की है.

  1. कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी
  2. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा
  3. कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डॉक्टर लगे हुए हैं- DMA

इससे पहले एनडीएमसी के 450 बिस्तर वाले कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को अधिकारियों द्वारा तीन महीने का वेतन जारी न करने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी.

हाल ही में हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर अपना वेतन जारी करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी.

शाह को लिखे लेटर में डीएमए ने कहा, ‘डीएमए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा अस्पताल, हिंदू राव अस्पताल, अन्य अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं करने के मुद्दे को लेकर बहुत ही चिंतित है, जो पिछले तीन महीनों से कोविड-19 महामारी के इस बहुत ज्यादा तनावपूर्ण समय में नि:स्वार्थ भाव और कड़ी मेहनत से काम कर रहे हैं.’

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रेजीडेंट डॉक्टरों के वेतन के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग करते हुए लेटर में कहा गया, ‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डटकर हमारे डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार काम कर रहे हैं और राष्ट्र की नि:स्वार्थ सेवा में लगे हुए हैं. वे न केवल अपने के लिए बल्कि अपने परिवारों के लिए 
भी जोखिम उठा रहे हैं और समाज की सेवा करने के लिए अपनी हर कोशिश कर रहे हैं.'

(इनपुट- भाषा)

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