दिल्ली में एक बार फिर लौटा बैलगाड़ी का दौर, 1950 के दशक का दिखा नजारा
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दिल्ली में एक बार फिर लौटा बैलगाड़ी का दौर, 1950 के दशक का दिखा नजारा

कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से ठप है.

दिल्ली में एक बार फिर लौटा बैलगाड़ी का दौर, 1950 के दशक का दिखा नजारा

नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से ठप है. ऐसे में जरूरी सामान की सप्‍लाई की इजाजत तो है लेकिन वाहन आसानी से मिल नही रहे हैं. ऐसे में दिल्‍ली के चांदनी चौक के थोक बाजार से यमुनापार बैलगाड़ी से सामान की ढुलाई एक बार फिर शुरू हुई है. इसके चलते एक बार फिर 1950-60 के दशक का नजारा दिल्‍ली की सड़कों पर देखने को मिल रहा है क्‍योंकि उस जमाने में ढुलाई के लिए ऐसे ही बैलगाड़ियों का इस्‍तेमाल होता था. इन बैलगाड़ियों के जरिये चावल-दाल की सप्‍लाई की जा रही है.

इस बीच केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल को एक बार फिर लॉकडाउन 19 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. सार्वजनिक परिवहन से लेकर आवाजाही के लिए सरकार ने नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

सरकार की नई गाइडलाइंस
सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए बुधवार को नए दिशा निर्देश जारी करते हुए इस अवधि के दौरान सभी तरह के सार्वजनिक यातायात और सार्वजनिक स्थानों को खोलने पर तीन मई तक रोक लगायी है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों में 20 अप्रैल से काम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.

ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करने पर ही काम करने की अनुमति दी जाएगी. गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना एक दंडनीय अपराध बनाया गया है और शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी बंद की अवधि बढ़ाकर तीन मई तक कर दी है.

मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को एलान किया कि देश के चयनित इलाकों में 20 अप्रैल से चुनिंदा आवश्यक गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी. देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना/चेहरा ढंकना अनिवार्य कर दिया गया है और सभी कामकाजी स्थानों पर शरीर के तापमान की जांच के लिए पर्याप्त बंदोबस्त होंगे और सैनेटाइजर्स मुहैया कराए जाएंगे. स्वरोजगार से जुड़े कामगारों जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ई द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को 20 अप्रैल से अनुमति दी जाएगी.

लोगों की अंतरराज्यीय, अंतरजिला आवाजाही, मेट्रो, बस सेवाओं पर तीन मई तक रोक जारी रहेगी जबकि ग्रामीण इलाकों में चल रहे उद्योगों को सामाजिक दूरी के सख्त नियमों के साथ 20 अप्रैल से काम करने की अनुमति दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि इस अवधि के दौरान शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग केंद्र, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात, ट्रेन सेवाएं भी स्थगित रहेंगी.

सिनेमाघर, मॉल्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिमखाने, खेल परिसर, स्विमिंग पूल, बार जैसे सार्वजनिक स्थान भी तीन मई तक बंद रहेंगे. नए दिशा निर्देशों के अनुसार, सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक समारोह, धार्मिक स्थल, प्रार्थना स्थल तीन मई तक जनता के लिए बंद रहेंगे. इसके अनुसार, राजमार्गों पर चलने वाले ‘ढाबे’, ट्रक मरम्मत की दुकानें, सरकारी गतिविधियों के लिए कॉल सेंटर 20 अप्रैल से खुलेंगे. कृषि औजार की दुकानें, इसके अतिरिक्त पुर्जे, इसकी आपूर्ति श्रृंखला, मरम्मत, कृषि औजार से संबंधित ‘कस्टम हायरिंग सेंटर्स’ 20 अप्रैल से खुले रहेंगे. साथ ही 20 अप्रैल से जिन गतिविधियों को मंजूरी दी जाएगी उनमें कृषि, बागवानी गतिविधियां, खेतों में काम कर रहे किसान तथा कामगार, कृषि उत्पादों की खरीद, ‘मंडियां’ शामिल हैं.

दवाओं के निर्माण में लगी इकाइयां, फार्मास्टयुटिकल्स, मेडिकल उपकरण और एम्बुलेंसों के निर्माण सहित अन्य चिकित्सा ढांचे के निर्माण संबंधी इकाइयां 20 अप्रैल से खुलेंगी. बंद के दौरान किराने की दुकान, फल, सब्जियों की दुकानें/ठेले, दूध के बूथ, अंडे, मांस तथा मछली की दुकान खुली रहेंगी.

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