नागरिकता कानून को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया (दिल्ली) और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की सख्त कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस इंडिया गेट पर सांकेतिक धरना दे रही है. इस धरने की अगुवाई कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कर रही हैं. यहां कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता पहुंचे हैं, लेकिन इन सबके बीच चौंकाने वाला चेहरा जगदीश टाइटलर रहे.
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नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया (दिल्ली) और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की सख्त कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस इंडिया गेट पर सांकेतिक धरना दे रही है. इस धरने की अगुवाई कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कर रही हैं. यहां कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता पहुंचे हैं, लेकिन इन सबके बीच चौंकाने वाला चेहरा जगदीश टाइटलर रहे. जगदीश टाइटलर पर 1984 के सिख विरोध दंगे के आरोप लगते रहे हैं.
इससे पहले पिछले साल जातीय हिंसा के विरोध और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने सामूहिक उपवास कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में जगदीश टाइटलर को शामिल नहीं होने दिया गया था. इन्हें मंच से लौटा दिया गया था. अब प्रियंका वाड्रा के साथ जगदीश टाइटलर का धरना-प्रदर्शन देना चर्चा का विषय बना हुआ है.
हालांकि प्रियंका के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, पीएल पुनिया जैसे बड़े नेता इंडिया गेट पर धरना दे रहे हैं.
जामिया में पुलिस कार्रवाई की उच्चस्तरीय जांच हो : कुलपति
उधर, जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को कहा कि बगैर इजाजत के परिसर में पुलिस के प्रवेश करने और विद्यार्थियों के साथ मारपीट करने की घटना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. प्रशासन ने मांग की कि इस पूरे घटनाक्रम की गहन जांच होनी चाहिए. दिल्ली पुलिस द्वारा जबरन विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश के मुद्दे पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जाताई है.
जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस के प्रवेश के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.
अख्तर ने कहा कि विद्यार्थियों को हॉस्टल से जबरन खाली नहीं कराया जा रहा है, और उन्हें सुरक्षित घर जाने के लिए मदद मुहैया कराई जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि वे विद्यार्थियों की उन शिकायतों का अभी सत्यापन नहीं कर पाए हैं, जिनमें उन्होंने कहा है कि उनपर मस्जिद के अंदर हमला किया गया. उन्होंने कहा, 'पुलिस ने जामिया के पुस्तकालय में बिना इजाजत प्रवेश कर वहां बैठे विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.'
कुलपति ने कहा कि हमने पुलिस से गेट के बाहर बैरिकेड नहीं लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हॉस्टल (छात्रावास) को जबरदस्ती खाली नहीं कराया जा रहा है और छात्रों को सुरक्षित उनके घरों तक जाने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है.
नजमा अख्तर ने पुलिस द्वारा विश्वविद्यालय में प्रवेश किए जाने और तोड़फोड़ व लाठीचार्ज के इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. कुलपति ने इसके साथ ही विद्यार्थियों से कहा, 'अफवाहों पर ध्यान न दें, हमारे पास तथ्य हैं. जामिया इसका समर्थन नहीं करता है, यह असहनीय है.' कुलपति ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए पूरे मामले की रिपोर्ट बनाई जा रही है और केंद्रीय मंत्री के समक्ष मामले को उठाया जाएगा.
जामिया के रजिस्ट्रार के अनुसार, दिल्ली पुलिस बदमाशों की पहचान करने में विफल रही. उन्होंने कहा, 'आरोपी भाग गए और छात्रों को इसके बजाए पीटा गया, जिसके चलते उन्हें चोट लगी.'
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